Sunday, December 22, 2024
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एचआईवी और एड्स के बीच में क्या अंतर है?

Vanshika Saxena Written By: Vanshika Saxena Updated on: December 01, 2024 21:09 IST
  • क्या आप जानते हैं कि हर साल एक दिसंबर के दिन विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को एड्स की बीमारी के बारे में जागरूक किया जा सके? ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस यानी एचआईवी वो वायरस है जो एक्वायर्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम यानी एड्स का कारण बनता है।
    Image Source : Freepik
    क्या आप जानते हैं कि हर साल एक दिसंबर के दिन विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को एड्स की बीमारी के बारे में जागरूक किया जा सके? ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस यानी एचआईवी वो वायरस है जो एक्वायर्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम यानी एड्स का कारण बनता है।
  • अक्सर लोग ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस यानी एचआईवी और एक्वायर्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम यानी एड्स के बीच में कंफ्यूज हो जाते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एचआईवी वायरस आपकी बॉडी के इम्यून सिस्टम को बुरी तरह से प्रभावित कर देता है जिससे आपकी इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है।
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    अक्सर लोग ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस यानी एचआईवी और एक्वायर्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम यानी एड्स के बीच में कंफ्यूज हो जाते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एचआईवी वायरस आपकी बॉडी के इम्यून सिस्टम को बुरी तरह से प्रभावित कर देता है जिससे आपकी इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है।
  • वहीं, अगर एड्स की बात की जाए तो एड्स एक ऐसी स्थिति है जो एचआईवी संक्रमण की वजह से हो सकती है। जब आपकी इम्यूनिटी बहुत ज्यादा कमजोर हो जाती है, तब आप एड्स की चपेट में आ सकते हैं। आपको बता दें कि अगर आप एचआईवी से संक्रमित नहीं हैं तो आपको एड्स नहीं हो सकता।
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    वहीं, अगर एड्स की बात की जाए तो एड्स एक ऐसी स्थिति है जो एचआईवी संक्रमण की वजह से हो सकती है। जब आपकी इम्यूनिटी बहुत ज्यादा कमजोर हो जाती है, तब आप एड्स की चपेट में आ सकते हैं। आपको बता दें कि अगर आप एचआईवी से संक्रमित नहीं हैं तो आपको एड्स नहीं हो सकता।
  • अगर आपने सही समय पर एचआईवी वायरस के प्रभाव को धीमा करने वाले उपचार शुरू कर दिए, तो आप एड्स से बच सकते हैं। लेकिन ट्रीटमेंट के बिना, एचआईवी से पीड़ित लगभग सभी लोग एड्स की चपेट में आ सकते हैं। यही वजह है कि समय रहते एचआईवी संक्रमण का पता लगाना बेहद जरूरी बन जाता है।
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    अगर आपने सही समय पर एचआईवी वायरस के प्रभाव को धीमा करने वाले उपचार शुरू कर दिए, तो आप एड्स से बच सकते हैं। लेकिन ट्रीटमेंट के बिना, एचआईवी से पीड़ित लगभग सभी लोग एड्स की चपेट में आ सकते हैं। यही वजह है कि समय रहते एचआईवी संक्रमण का पता लगाना बेहद जरूरी बन जाता है।
  • एचआईवी के लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, थकान, गला खराब होना, मांसपेशियों में दर्द, पसीना आना, सूजी हुई लिम्फ नोड्स और मुंह में छाले होने जैसे लक्षण शामिल हैं। ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, इस तरह के लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
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    एचआईवी के लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, थकान, गला खराब होना, मांसपेशियों में दर्द, पसीना आना, सूजी हुई लिम्फ नोड्स और मुंह में छाले होने जैसे लक्षण शामिल हैं। ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, इस तरह के लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।