Friday, November 22, 2024
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क्या है पंचकर्म क्रिया? आयुर्वेदिक तरीके से होती है शरीर की अंदरूनी सफाई

Bharti Singh Written By: Bharti Singh @bhartinisheeth Published on: October 29, 2024 12:38 IST
  • दिवाली पर आप अपने घर की साफ सफाई तो कर ही रहे होंगे। इस दिवाली पुराने सामान को हटाकर घर को Decluttring कर लें और साथ ही अपने दिमाग-दिल-गुर्दे-और शरीर के तमाम ऑर्गेन्स को भी साफ कर लें। इसे बॉडी डिटॉक्स कहते हैं आयुर्वेद में पंचकर्म से शरीर की अंदर तक सफाई की जाती है।
    Image Source : Freepik
    दिवाली पर आप अपने घर की साफ सफाई तो कर ही रहे होंगे। इस दिवाली पुराने सामान को हटाकर घर को Decluttring कर लें और साथ ही अपने दिमाग-दिल-गुर्दे-और शरीर के तमाम ऑर्गेन्स को भी साफ कर लें। इसे बॉडी डिटॉक्स कहते हैं आयुर्वेद में पंचकर्म से शरीर की अंदर तक सफाई की जाती है।
  • शरीर में अगर गैर जरूरी चीजें बढ़ने लगें तो बीमारी ही देती हैं। शरीर की अंदर से सफाई बॉडी फंक्शन को ठीक बनाए रकने के लिए जरूरी है। पंचकर्म से हमारे शरीर के वाइटल ऑर्गन्स से अनवांटेड चीजें हटाने में मदद मिलती है। जिससे मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है और एनाबॉलिज्म और कैटाबॉलिज्म का फंक्शन परफेक्ट होता है।
    Image Source : Freepik
    शरीर में अगर गैर जरूरी चीजें बढ़ने लगें तो बीमारी ही देती हैं। शरीर की अंदर से सफाई बॉडी फंक्शन को ठीक बनाए रकने के लिए जरूरी है। पंचकर्म से हमारे शरीर के वाइटल ऑर्गन्स से अनवांटेड चीजें हटाने में मदद मिलती है। जिससे मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है और एनाबॉलिज्म और कैटाबॉलिज्म का फंक्शन परफेक्ट होता है।
  • आयुर्वेद में शरीर को डिटॉक्स करने के लिए पंचकर्म सबसे अच्छा और असरदार तरीका माना जाता है। पंचकर्म से शरीर की अंदर से सफाई होती है। इसे बॉडी को डिटॉक्स करना कहते हैं। आयुर्वेदिक औषधि से शरीर को प्यूरीफाई किया जाता है।
    Image Source : Freepik
    आयुर्वेद में शरीर को डिटॉक्स करने के लिए पंचकर्म सबसे अच्छा और असरदार तरीका माना जाता है। पंचकर्म से शरीर की अंदर से सफाई होती है। इसे बॉडी को डिटॉक्स करना कहते हैं। आयुर्वेदिक औषधि से शरीर को प्यूरीफाई किया जाता है।
  • पंचकर्म में शिरोधारा, जिसमें औषधीय तेल की धारा से सिर की मसाज की जाती है। स्नेहन, जिसमें तेल से पूरे शरीर की मालिश की जाती है। स्वेदन, जिसमें स्टीम के जरिए पसीने से टॉक्सिन निकालते हैं। वमन, जिसमें मुंह के जरिए शरीर से टॉक्सिन निकालना शामिल होता है। विरेचन, यानि स्टूल के जरिए शरीर का कचरा निकालना और नस्य, नाक के जरिए औषधि ब्रेन तक पहुंचाना शामिल है।
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    पंचकर्म में शिरोधारा, जिसमें औषधीय तेल की धारा से सिर की मसाज की जाती है। स्नेहन, जिसमें तेल से पूरे शरीर की मालिश की जाती है। स्वेदन, जिसमें स्टीम के जरिए पसीने से टॉक्सिन निकालते हैं। वमन, जिसमें मुंह के जरिए शरीर से टॉक्सिन निकालना शामिल होता है। विरेचन, यानि स्टूल के जरिए शरीर का कचरा निकालना और नस्य, नाक के जरिए औषधि ब्रेन तक पहुंचाना शामिल है।
  • पंचकर्म से सेहत को कई फायदे मिलते हैं। वमन करने से खांसी, बुखार, इनडायजेशन, थायराइड, मेंटल प्रॉब्लम दूर होती हैं। 
विरेचन से शुगर, स्किन, डायजेशन, लिवर, किडनी की समस्या दूर होती है। नस्य से आंख, गले, साइनस, माइग्रेन, स्पॉन्डिलाइटिस में फायदा होता है। रक्तमोक्षण से नकसीर,गाउट,वैरिकोज,स्किन डिजीज में फायदा होता है और शिरोधारा से स्ट्रेस,टेंशन,एंग्जायटी,डिप्रेशन,सिरदर्द में लाभ मिलता है।
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    पंचकर्म से सेहत को कई फायदे मिलते हैं। वमन करने से खांसी, बुखार, इनडायजेशन, थायराइड, मेंटल प्रॉब्लम दूर होती हैं। विरेचन से शुगर, स्किन, डायजेशन, लिवर, किडनी की समस्या दूर होती है। नस्य से आंख, गले, साइनस, माइग्रेन, स्पॉन्डिलाइटिस में फायदा होता है। रक्तमोक्षण से नकसीर,गाउट,वैरिकोज,स्किन डिजीज में फायदा होता है और शिरोधारा से स्ट्रेस,टेंशन,एंग्जायटी,डिप्रेशन,सिरदर्द में लाभ मिलता है।