रविवार को देश की राजधानी दिल्ली का एक्यूआई (AQI)350 के आसपास रहा जो सेहत के लिहाज़ से बेहद खराब है। बढ़ते प्रदूषण की वजह से फेफड़ों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इस वजह से अस्थमा के मरीजों को सेहत से जुड़ी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जानिए बढ़ता हुआ वायु प्रदूषण अस्थमा पेशेंट के लिए कितना घातक है साथ ही इसके बचाव के उपाय भी जानें।
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अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जिसके बढ़ने के पीछे वायु प्रदूषण जिम्मेदार माना जाता है। दमा पेशेंट की सांस की नलियों में सूजन आ जाती है। इसी वजह से इन्हें सांस लेने में दिक्कत होती है।
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राजधानी दिल्ली का एक्यूआई 350 के आसपास है जो अस्थमा के मरीजों के लिए बेहद हानिकारक है। ऐसी स्थिति में दमा के मरीजों को सुबह के समय खासकर पीक आवर्स में बाहर निकलने से बचना चाहिए।
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अस्थमा के मरीज जब भी घर से बहार निकलें। अपने मुंह पर मास्क या फिर साफ कपड़ा बांधकर ही घर से बाहर निकलें निकलें। इस बात का ध्यान रखें जहां वो जा रहा हैं वहां ज़्यादा गन्दगी, धुल-मिट्टी या पॉल्यूशन न हो।
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दमा के मरीज जब भी कहीं बाहर जाएं अपने साथ इन्हेलर और अपनी दवाइयां साथ में लेकर जाएं। बहले ही आपका काम 2 से 3 घंटों का हो लेकिन अपने साथ दवाइयों ज़रूर रखें।
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अगर आप वॉक करते हैं या रनिंग करते हैं तो कोहरे में जानें से बचें। अगर आप बाहर वॉक या रनिंग करना चाहते हैं तो सुबह कोहरे या शाम के समय सैर पर ना जाएं