बार-बार प्यास लगना डायबिटीज की ओर इशारा है। शरीर में सेल्स इन्सुलिन रेजिस्टेंस हो जाते हैं, तो किडनी खून से ज्यादा शुगर को निकालने के लिए तेजी से काम करती है। जिससे बार-बार टॉयलेट आता है। शरीर में से फ्लूइड बाहर निकल जाते हैं। जिससे लिक्विड इनटेक की जरूरत लगती है। ऐसी स्थिति में प्यास लगती रहती है।
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जिन लोगों को डाई माउथ की समस्या रहती है उन्हें बार-बार प्यास लगती है। ऐसी स्थिति में माउथ ग्लैंड काफी कम मात्रा में सलाइवा बनाते हैं। जिससे मुंह सूखने लगता है और प्यास लगती है। ड्राई माउथ की समस्या कई बार दवाओं के कारण भी हो सकती है।
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एनीमिया होने पर भी शरीर में हीमोग्लोबिन कम होने लगता है। रेड ब्लड सेल्स कम होने लगती हैं। जिसकी वजह से प्यास ज्यादा लगती है। ऐसे लोगों को ज्यादा पानी पीने की क्रेविंग होने लगती है।
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हाइपरकैल्सीमिया में भी ज्यादा प्यास लगती है। इस कंडीशन में खून में ज्यादा कैल्शियम हो जाता है। इसके लिए ओवर एक्टिव पाराथायराइड ग्लैंड, ट्यूबरक्लोसिस जैसे कई कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं। अगर बार बार प्यास लग रही है तो आप हाइपरकैल्सीमिया के शिकार हो चुके हैं।
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डिहाइड्रेशन होने पर भी बहुत ज्यादा प्यास लगती है। तेज गर्मी में ऐसी स्थिति पैदा हो सकती है। जिसमें बार-बार प्यास महसूस होने लगती है। डिहाइड्रेशन होने पर शरीर में पानी की कमी हो जाती है। जिसकी वजह से मुंह सूखता है और थकान जैसी महसूस होती है। कई बार ज्यादा एक्सरसाइज, डायरिया, वोमिटिंग या ज्यादा पसीना आने से भी पानी की कमी हो सकती है।