बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर सेहत के लिए खतरनाक होता है। खासकर सर्दियों में यह तेजी से बढ़ता है। असंतुलित भोजन और जीवनशैली के कारण भी रक्तचाप तेजी से बढ़ता है और ज़्यादातर लोगों को पता नहीं होता है कि हाई ब्लड प्रेशर में क्या खाना चाहिए। आप हाई बीपी के लक्षणों का पता चलते ही आहार में थोड़ा बदलाव लाएं। दवाइयों का सेवन करने के अलावा आप इन चीज़ों को अपनी डाइट में शामिल कर काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं।
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अजवाइन के बीजों में थाइमोल होता है, जो एक कैल्शियम चेन ब्लॉकर है। इसका मतलब है कि बीज कैल्शियम को हृदय की कोशिकाओं में प्रवेश करने से रोकने में मदद करते हैं, इस प्रकार रक्त वाहिकाओं को आराम और विस्तार देते हैं। इससे रक्तचाप कम होता है और दिल के दौरे और स्ट्रोक के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक कम हो जाता है।
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कच्चा लहसुन रक्तचाप को कम करने में बेहद फायदेमंद है। यह एलिनेज़ को एक्टिव करता है, एक ऐसा एंजाइम जो एलिनिन को एलिसिन में परिवर्तित करता है। एलिनेज़ को सक्रिय करने और अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए आपको भोजन के एक या दो घंटे के भीतर कच्चे लहसुन का सेवन करना चाहिए। कच्चा लहसुन के अलावा लहसुन पाउडर, पुराने लहसुन के अर्क या लहसुन का तेल भी रक्तचाप को कम करने में मदद करते हैं।
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काली मिर्च में मौजूद पिपेरिन तत्व रक्तचाप को कम करता है। काली मिर्च में पोटैशियम भी भरपूर मात्रा में होता है जो हृदय गति और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है। आधे गिलास गुनगुने पानी में काली मिर्च पाउडर का एक चम्मच घोल लें। इसे दो-दो घंटे के बाद पीते रहें। इससे हाई ब्लड प्रेशर के लक्षणों का उपचार होता है।
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आंवला अदरक का जूस ब्लड प्रेशर के लिए बेहद फायदेमंद है। आंवला एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी से भरपूर होता है जो रक्त वाहिकाओं को फैलाने और ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है। एक बड़ा चम्मच आँवले अदरक का रस और इतना ही शहद मिलाकर सुबह-शाम लेने से हाई ब्लड प्रेशर में लाभ होता है।
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उच्च रक्तचाप के इलाज के लिए पाँच तुलसी के पत्ते तथा दो नीम की पत्तियों को पीस लें। इसे एक गिलास पानी में घोलकर खाली पेट सुबह पिएं। इससे हाई ब्लड प्रेशर के लक्षणों का इलाज होता है।