Saturday, November 23, 2024
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ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव, 150 विदेशी योग साधक भी शामिल

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: March 05, 2018 17:50 IST
  • ऋषिकेश में एक मार्च से अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव चल रहा है।
    ऋषिकेश में एक मार्च से अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव चल रहा है।
  • उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद, गढ़वाल मण्डल विकास विकास निगम एवं वन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित महोत्सव के उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि महर्षि पतंजलि को योग के जनक के रूप में जाना जाता है जिन्होंने योगसूत्र ग्रंथ से योग को सम्पूर्ण विश्व में प्रचारित किया।
    उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद, गढ़वाल मण्डल विकास विकास निगम एवं वन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित महोत्सव के उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि महर्षि पतंजलि को योग के जनक के रूप में जाना जाता है जिन्होंने योगसूत्र ग्रंथ से योग को सम्पूर्ण विश्व में प्रचारित किया।
  • 'पूरे विश्व में आज योग पर विशेष बल दिया जा रहा है।
    'पूरे विश्व में आज योग पर विशेष बल दिया जा रहा है।
  • भारत योग के माध्यम से विश्व को शांति का संदेश दे रहा है।
    भारत योग के माध्यम से विश्व को शांति का संदेश दे रहा है।
  • विदेशों में योग ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है
    विदेशों में योग ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है
  • तरराष्ट्रीय योग महोत्सव में कई देशों के लोग शामिल हुए
    तरराष्ट्रीय योग महोत्सव में कई देशों के लोग शामिल हुए
  • भारत ने योग के माध्यम से स्वस्थ विश्व की परिकल्पना दी है।
    भारत ने योग के माध्यम से स्वस्थ विश्व की परिकल्पना दी है।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि रोग मुक्त और स्वस्थ रहने के लिए योग सर्वोत्तम तरीका है और योग शांति, सुख और आध्यात्म की राह दिखाता है।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि रोग मुक्त और स्वस्थ रहने के लिए योग सर्वोत्तम तरीका है और योग शांति, सुख और आध्यात्म की राह दिखाता है।
  • रावत ने कहा कि वैश्विक स्तर पर योग एवं संस्कृत की मांग तेजी से बढ़ रही है।
    रावत ने कहा कि वैश्विक स्तर पर योग एवं संस्कृत की मांग तेजी से बढ़ रही है।
  • संस्कृत भाषा के रूप में एवं योग कर्म के रूप में हिंसा की प्रवृत्ति को रोककर अहिंसा के पथ ले जाने में सहायक है।
    संस्कृत भाषा के रूप में एवं योग कर्म के रूप में हिंसा की प्रवृत्ति को रोककर अहिंसा के पथ ले जाने में सहायक है।
  • संस्कृत के मूल तत्व को समझना जरूरी है और योग महोत्सवों में संस्कृत को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।
    संस्कृत के मूल तत्व को समझना जरूरी है और योग महोत्सवों में संस्कृत को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।