महाकाल की नगरी उज्जैन में मंगलावार को सिंहस्थ महाकुंभ की पहली प्रवेशाई धूमधाम से निकाली गई। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी पत्नी साधना सिंह के साथ पहली प्रवेशाई में साधु संतो का स्वगात किया।
शिव के गण कहे जाने वाले नागा साधु- संतों की सेना अपनी वर्षों की तपस्या-साधना कर लाभ अमृत के शुभ मुहूर्त में नगर भ्रमण कर रहे है।
साधु-संतों के अद्भुत समागम को चित्रित करती जूना अखाड़े की प्रवेशाई को देखने के लिए हजारों लोग दूर दूर से आए थे।
शिवराज सिंह चौहान जूना अखाड़े के नीलगंगा पड़ाव स्थल पर अखाड़े के इष्ट देव की पूजा में सम्मिलित हुए।
पंचदशनाम जूना अखाड़े की प्रवेशाई में पीठाधीश अवधेशानंद गिरी के साथ 25 से अधिक महामंडलेश्वर शामिल थे।
शिवराज सिंह चौहान जूना अखाड़े के नीलगंगा पड़ाव स्थल पर अखाड़े के इष्ट देव की पूजा में सम्मिलित हुए।
पंचदशनाम जूना अखाड़े की प्रवेशाई में पीठाधीश अवधेशानंद गिरी के साथ 25 से अधिक महामंडलेश्वर शामिल थे।
सी एम शिवराज सिंह यहां पहुंच कर कई लोगो से मिलें और वह काफी खुश थे।
साधु-संतों के अद्भुत समागम को चित्रित करती जूना अखाड़े की प्रवेशाई को देखने के लिए हजारों लोग दूर दूर से आए थे।
पेशवाई में आचार्य महामंडलेश्वर श्री अवधेशानन्दगिरिजी, श्री नरेंद्रगिरिजी व श्री हरिगिरिजी सहित कई हज़ारों नागा साधु-सन्यासियों के साथ ही जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण उपस्थित हैं।
चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष में प्रदोष तिथि में इस मंगलवार के दिन शत तारका नक्षत्र होने से शुभ योग के अंतर्गत वारुणी पर्व के समायोजन होने के कारण आज की प्रवेशाई को बेहद शुभ माना जा रहा है और इसे उज्जैन शहर के लिए कल्याणकारी कहा जा सकता है।
आज सुबह सी एम शिवराज सिंह उज्जैन पहुंचे और इस महाकुंभ का आगाज किया।