केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, यह कहा गया था कि परेशानी की हालत में घिरी महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए यह जरूरी है कि वे जरूरत पड़ने पर परिवार के किसी सदस्य या पुलिस तक परेशानी वाला संकेत भेज सकें ताकि उनको बचाया जा सके।
उसने कहा, दूरसंचार विभाग ने मोबाइल फोन हैंडसेट नियम-2016 में पैनिक बटन एवं जीपीएस को शामिल करने वाली अधिसूचना जारी कर दी है।
यह अधिसूचना 22 अप्रैल को भारतीय वायरलेस टेलीग्राफ अधिनियम-1933 की धारा 10 के तहत जारी की गई।
केन्द्रीय संचार एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अनुसार एक जनवरी 2017 से देश के बाजारों में बिना पैनिक बटन वाले मोबाइल फोन की बिक्री नहीं हो सकेगी।
नए आदेश के अनुसार मोबाइल निर्माता कंपनियों को कहा गया है कि वे मोबाइल फोन में पैनिक बटन का विकल्प उपल्ब्ध कराएं। 5 और 9 नंबर के बटन को पैनिक बटन बनाने के लिए अधिसूचना में कहा गया है।
एक जनवरी 2017 से देश में केवल वही फीचर फोन बिकेंगे जिनमें पांच या नौ नंबर बटन को लंबे समय तक दबाने पर इमरजेंसी कॉल का प्रावधान होगा
असुरक्षा का बोध होने पर कोई भी महिला 5 या 9 नंबर के पैनिक बटन का उपयोग कर सकेगी जिसकी सूचना पास के पुलिस स्टेशन पर तत्काल पहुंच सकेगी।
सही समय पर सूचना पहुंचने पर पुलिस तत्काल वहां तत्काल पहुंच जाएगी जिससे की संकट में फंसी महिला की मदद की जा सके।