महाशिवरात्रि के शुभ अवसर में भगवान शिव के ज्योतिर्लिंगो में भारी भीड़ होती है। ये देश के कोने-कोने में प्रतिष्ठित है। शिव को स्वयम्भू के रूप में भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है स्वयं उत्पन्न। करें घर बैठे ज्योतिर्लिंगो के दर्शन।
पहला ज्योतिर्लिंग सोमनाथ है जो गुजरात के काठियावाड़ में स्थापित है।
दूसरा ज्योतिर्लिंग श्री शैल मल्लिकार्जुन है जो मद्रास में कृष्णा नदी के किनारे पर्वत पर प्रतिष्ठित है।
तीसरा ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर है जो उज्जैन के अवंति नगर में स्थापित कहते हैं। इस जगह पर भगवान शिव ने दैत्यों का नाश किया था।
चौथा ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर है जो मध्यप्रदेश के नर्मदा तट स्थित है। इसको लेकर मान्यता है कि पर्वतराज विंध्य की कठोर तपस्या से खुश होकर शिव वरदान देने हुए प्रकट हुए थे जिसके बाद यहां ज्योतिर्लिंग स्थापित हुआ।
पांचवां ज्योतिर्लिंग नागेश्वर है जो गुजरात के द्वारकाधाम के निकट स्थापित है।
छठवां ज्योतिर्लिंग बैद्यनाथ धाम है। जिसे वैजनाध धाम से भी जाना जाता है। यह झारखंड के देवोघर पर स्थापित है।
सातवां ज्योतिर्लिंग भीमाशंकर है जो महाराष्ट्र की भीमा नदी के किनारे स्थापित है।
आठवां त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग है जो नासिक से 25 किलोमीटर दूर त्र्यम्बकेश्वर में स्थापित है।
नवां ज्योतिर्लिंग घृष्णेश्वर है जो महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में एलोरा गुफा के पास वेसल गांव में स्थापित है।
दसवां ज्योतिर्लिंग केदारनाथ है जो हरिद्वार से 150 पर मिल दूर, केदारनाथ में हिमालय पर्वत पर स्थित है।
ग्यारहवां ज्योतिर्लिंग विश्वनाथ है जो बनारस के काशी में स्थापित है।
बारहवां ज्योतिर्लिंग रामेश्वरम है जो त्रिचनापल्ली समुद्र तट पर भगवान श्रीराम द्वारा स्थापित है।