पूरे विश्व में आज अंतराराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया है। आज के समय में हर कोई हेल्दी रहना चाहता है। जिसके लिए वह काफी मेहनत करता है लेकिन हम आपको बता रहें है कुछ ऐसे योगासन और उनके फायदों के बारें में। जिन्हें अपनी लाइफस्टाइल में अपनाकर आसानी से हेल्दी और पॉवरफुल लाइफ पा सकते है।
अर्धमत्स्येन्द्र आसन आपके मेरुदंड (रीढ़ की हड्डी) के लिए अत्यंत लाभकारक है। यह आसन सही मात्रा में फेफड़ों तक ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है अथवा जननांगों के लिए अत्यंत ही लाभकारी है। यह आसन रीढ़ की हड्डी से सम्बंधित है इसीलिए इसे ध्यान पूर्वक किया जाना चाहिए।
भुजंगासन को कोबरा पोज़ भी कहा जाता है क्योंकि इसमें शरीर के अगले भाग को कोबरा के फन के तरह उठाया जाता है। यह योगासन रीढ़ की हड्डी, फेफड़ों में आक्सीजन, दमे की समस्या के साथ वेट लॉस करने में मदद करता है।
प्लैंक एक्सरसाइज न सिर्फ एक बेहतरीन वर्कआउट है बल्कि करने में भी आसान है, इसे करने से मसल्स को मजबूती तो मिलती ही है, साथ ही इसके कई दूसरे फायदे हैं। इसे करने से वेट लॉस के साथ-साथ ऑस्टियोपोरोसिस, कोर मसल्स, बैलेंस और कमर दर्द से निजात मिलता है।
सुखासन का शाब्दिक अर्थ है सुख देने वाला आसन, यह आसन बहुत ही आसान है। इसे करने से मानसिक अनिमियतता, मोटापा से निजात मिलता है।
पद्मासन या कमल आसन बैठ कर की जाने वाली योग मुद्रा है जिसमे घुटने विपरीत दिशा में रहते हैं| इस मुद्रा को करने से मन शांत व ध्यान गहरा होता हैं| कई शारीरिक विकारों से आराम भी मिलता है। इस मुद्रा के नियमित अभ्यास से साधक कमल की तरह पूर्ण रूप से खिल उठता है, इसलिए इस मुद्रा का नाम पद्मासन है। ची
इस आसन का मतलब होता है शेर आसन या Lion Pose। इस आसन को सिंहासन इसलिए कहते हैं क्योंकि बाहर निकली हुई जीभ के साथ चेहरा दहाड़ते हुए शेर की भयंकर छवि को दर्शाता है। संस्कृंत में ‘सिंह’ का अर्थ होता है ‘शेर’। सिंहासन आपके आंखो, चेहरे व गर्दन को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
अधोमुख शवासन आसन जिसकी सहायता से आप अपने दिमाग को शांत कर सकते हैं और अवसाद को दूर कर सकते हैं। यदि नियमित रूप से इस आसन का अभ्यास किया जाए तो हमारे सिर में खून का संचार सही तरीके से होगा, पाचन क्रिया सही रहेगी और हम तनावमुक्त रहेंगे।
वज्रासन को आप दिन में कभी भी कर सकते हैं लेकिन यह अकेला ऐसा आसन है जो खाने के तुरंत बाद यह आसन बहुत अधिक प्रभावी होता है। यह न सिर्फ पाचन की प्रक्रिया ठीक रखता है बल्कि लोवर बैकपेन से भी आराम दिलाता है।
'उष्ट्र' एक संस्कृत भाषा का शब्द है और इसका अर्थ 'ऊंट' होता है। उष्ट्रासन को अंग्रेजी में “Camel Pose” कहा जाता है। इस आसन से शरीर में लचीलापन आता है, शरीर को ताकत मिलती है तथा पाचन शक्ति बढ़ जाती है।
अर्द्ध चक्रासन को संस्कृत भाषा में ‘अर्द्ध’ का अर्थ होता है आधा और ‘चक्र’ का अर्थ होता है पहिया। इस आसन में शरीर की आकृति आधे पहिये के समान हो जाती है, इसीलिए इसे अर्द्ध-चक्रासन कहा जाता है। अगर इसके फायदे के हिसाब से देखा जाये तो यह डायबिटीज, शुगर, पेट की चर्बी कम करना इत्यादि के लिए बहुत प्रभावी है।
अनुलोम–विलोम प्रणायाम में सांस लेने व छोड़ने की विधि को बार-बार दोहराया जाता है। इस प्राणायाम को 'नाड़ी शोधक प्राणायाम' भी कहते है। अनुलोम-विलोम को रोज करने से शरीर की सभी नाड़ियों स्वस्थ व निरोग रहती है। इसे रोजाना करने से हार्ट के ब्लॉकेज खोले, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करें, ब्रेन ट्यूमर से दिलाने के साथ दिमाग भी तेज करता है।
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