Monday, December 23, 2024
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Vande Mataram 2019: फ्रीडम ऑफ स्पीच के नाम पर कुछ भी नहीं बोल सकते: सोनू निगम

Written by: India TV Entertainment Desk
Published : March 16, 2019 20:59 IST
  • सोनू निगम ने इंडिया टीवी के कॉन्क्लेव वंदे मातरम् 2019 में कहा कि फ्रीडम ऑफ स्पीच का मतलब यह नहीं है कि आप कुछ भी बोल सकते हैं। आप कैसे बोल सकते हैं कि भारत तेरे टुकड़े होंगे। यह सब बोलने का हक किसी को नहीं है।

    सोनू निगम ने इंडिया टीवी के कॉन्क्लेव वंदे मातरम् 2019 में कहा कि फ्रीडम ऑफ स्पीच का मतलब यह नहीं है कि आप कुछ भी बोल सकते हैं। आप कैसे बोल सकते हैं कि भारत तेरे टुकड़े होंगे। यह सब बोलने का हक किसी को नहीं है।

  • सोनू ने कहा- ''कलाकार होने से पहले मैं एक इंसान हूं, भारत का नागरिक हूं। कोई इंसान अपनी मज़हब की वजह से बड़ा नही होता। कोई देश बड़ा तभी होता है, जब उसका नागरिक अच्छा बर्ताव करते हैं।''

    सोनू ने कहा- ''कलाकार होने से पहले मैं एक इंसान हूं, भारत का नागरिक हूं। कोई इंसान अपनी मज़हब की वजह से बड़ा नही होता। कोई देश बड़ा तभी होता है, जब उसका नागरिक अच्छा बर्ताव करते हैं।''

  • ''जब देश विषम परिस्थितियों से गुज़र रहा है, तब किसी को सवाल नहीं उठाना चाहिए। हमें एक सुर में होना पड़ेगा। गाना तभी बनता है, जब सब एक सुर में होते हैं। हमें भारत के शानदार इतिहास को देखना चाहिए और धर्म के नाम पर लड़ाई नहीं करनी चाहिए।''


    ''जब देश विषम परिस्थितियों से गुज़र रहा है, तब किसी को सवाल नहीं उठाना चाहिए। हमें एक सुर में होना पड़ेगा। गाना तभी बनता है, जब सब एक सुर में होते हैं। हमें भारत के शानदार इतिहास को देखना चाहिए और धर्म के नाम पर लड़ाई नहीं करनी चाहिए।''

  • सोनू का कहना है कि लोगों को जाति, धर्म के आधार पर नेताओं को वोट नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा- ''हम राजनीतिज्ञों के परफॉर्मेंस के आधार पर वोट क्यों नहीं देते हैं? हमें देश में शांति लाने की बात करनी चाहिए। हमें समुदायों का बंटवारा करा कर उनके बीच लड़ाई करवाने वाली मानसिकता को बदलनी चाहिए।''

    सोनू का कहना है कि लोगों को जाति, धर्म के आधार पर नेताओं को वोट नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा- ''हम राजनीतिज्ञों के परफॉर्मेंस के आधार पर वोट क्यों नहीं देते हैं? हमें देश में शांति लाने की बात करनी चाहिए। हमें समुदायों का बंटवारा करा कर उनके बीच लड़ाई करवाने वाली मानसिकता को बदलनी चाहिए।''

  • ''पाकिस्तानी कलाकारों को बैन करने से समस्या का हल नहीं निकलेगा। पहले आप उन्हें बुलाते हैं, फिर कहते हैं आप चले जाओ। हम बच्चों की तरह अपना फैसला क्यों बदलते हैं? हमारा देश अपनी सदियों पुरानी सभ्यता, संस्कृति के कारण फेमस है। यहां इतनी छोटी बातें होनी ही नहीं चाहिए। हमें थोड़ा मैच्योर होना चाहिए।''

    ''पाकिस्तानी कलाकारों को बैन करने से समस्या का हल नहीं निकलेगा। पहले आप उन्हें बुलाते हैं, फिर कहते हैं आप चले जाओ। हम बच्चों की तरह अपना फैसला क्यों बदलते हैं? हमारा देश अपनी सदियों पुरानी सभ्यता, संस्कृति के कारण फेमस है। यहां इतनी छोटी बातें होनी ही नहीं चाहिए। हमें थोड़ा मैच्योर होना चाहिए।''

  • उन्होंने आगे कहा- ''अगर आप समझदार हैं तो आप पाकिस्तान के साथ सारे सांस्कृतिक आदान-प्रदान बंद कर देंगे। आपको हर बार ये बातें करने की ज़रूरत नहीं है। हमें पाकिस्तानी कलाकारों को बैन करने के लिए फिल्म इंडस्ट्री को बोलना नहीं चाहिए। यह उनकी ज़िम्मेदारी है कि वह पाकिस्तान के साथ ये बंद कर दें।''

    उन्होंने आगे कहा- ''अगर आप समझदार हैं तो आप पाकिस्तान के साथ सारे सांस्कृतिक आदान-प्रदान बंद कर देंगे। आपको हर बार ये बातें करने की ज़रूरत नहीं है। हमें पाकिस्तानी कलाकारों को बैन करने के लिए फिल्म इंडस्ट्री को बोलना नहीं चाहिए। यह उनकी ज़िम्मेदारी है कि वह पाकिस्तान के साथ ये बंद कर दें।''

  • पुलवामा हमले के बाद सोशल मीडिया पर कई लोग कहने लगे कि भारत को अब पाकिस्तान के साथ जंग करना चाहिए। इस बारे में सिंगर सोनू निगम का कहना है कि लोग जंग की बातें तो करते हैं, लेकिन आर्मी में कोई जाना नहीं चाहता। उन्होंने कहा कि लोगों को पता नहीं कि लड़ाई क्या होती है। उन्हें समझ नहीं आता कि ये लंबी भी चल सकती है। ज़रूरी नहीं कि जंग सीमा पर ही हो। यह हमारे पास भी आ सकती है। जंग होगी तो चीजों के दाम बढेंगे। तब भी लोग कहेंगे कि सरकार ने दाम बढ़ा दिए। लड़ाई आसान नहीं होती।

    पुलवामा हमले के बाद सोशल मीडिया पर कई लोग कहने लगे कि भारत को अब पाकिस्तान के साथ जंग करना चाहिए। इस बारे में सिंगर सोनू निगम का कहना है कि लोग जंग की बातें तो करते हैं, लेकिन आर्मी में कोई जाना नहीं चाहता। उन्होंने कहा कि लोगों को पता नहीं कि लड़ाई क्या होती है। उन्हें समझ नहीं आता कि ये लंबी भी चल सकती है। ज़रूरी नहीं कि जंग सीमा पर ही हो। यह हमारे पास भी आ सकती है। जंग होगी तो चीजों के दाम बढेंगे। तब भी लोग कहेंगे कि सरकार ने दाम बढ़ा दिए। लड़ाई आसान नहीं होती।