Monday, December 23, 2024
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भारत के इन राज्यों में कुछ इस खास अंदाज में मनाई जाती है होली

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published : February 26, 2018 17:02 IST
  • नई दिल्ली: होली रंगों और खुशियों का त्योहार है। हर साल फागुन यानि मार्च के महीने में सभी लोग धूम धाम से होली मनाते है। उत्साह से भरा ये त्योहार एक दूसरे के प्रति प्रेम और एक दूसरे की गलतियों के माफ करने का त्योहार है। इस दिन एक दूसरे को रंग और अबीर लगाकर सभी गिले सिकवे मिटाकर गले लगा लेते हैं। लेकिन भारत की होली दूसरे देशों से अलग है, यहां हर राज्य की संस्कृति अलग है उसी तरह होली मनाने की प्रक्रिया भी अलग-अलग है।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश के एक गांव में भील युवक हाथों में मांदल (वाद्य यंत्र) बजाते हुए होली मनाते हैं। युवक वाद्य यंत्र बजाते और नृत्य करते हुए अपनी पसंद की हुई युवती को गुलाल लगाते हैं। अगर युवती को भी वह युवक पसंद होता है तो वह भी युवक को गुलाल लगा देती है और दोनों की शादी हो जाती है।
    नई दिल्ली: होली रंगों और खुशियों का त्योहार है। हर साल फागुन यानि मार्च के महीने में सभी लोग धूम धाम से होली मनाते है। उत्साह से भरा ये त्योहार एक दूसरे के प्रति प्रेम और एक दूसरे की गलतियों के माफ करने का त्योहार है। इस दिन एक दूसरे को रंग और अबीर लगाकर सभी गिले सिकवे मिटाकर गले लगा लेते हैं। लेकिन भारत की होली दूसरे देशों से अलग है, यहां हर राज्य की संस्कृति अलग है उसी तरह होली मनाने की प्रक्रिया भी अलग-अलग है। मध्य प्रदेश मध्य प्रदेश के एक गांव में भील युवक हाथों में मांदल (वाद्य यंत्र) बजाते हुए होली मनाते हैं। युवक वाद्य यंत्र बजाते और नृत्य करते हुए अपनी पसंद की हुई युवती को गुलाल लगाते हैं। अगर युवती को भी वह युवक पसंद होता है तो वह भी युवक को गुलाल लगा देती है और दोनों की शादी हो जाती है।
  • मालवा
मध्यप्रदेश के मालवा नामक क्षेत्र में होली के दिन लोग एक-दूसरे पर अंगारे फेंकते है। यहां के लोग इस परंपरा को इसलिए मनाते हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि अंगारे फेंकने से होलिका राक्षसी का अंत होता है।
    मालवा मध्यप्रदेश के मालवा नामक क्षेत्र में होली के दिन लोग एक-दूसरे पर अंगारे फेंकते है। यहां के लोग इस परंपरा को इसलिए मनाते हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि अंगारे फेंकने से होलिका राक्षसी का अंत होता है।
  • उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के कुंडरा गांव में सिर्फ महिलाएं ही होली खेलती हैं। इस गांव में पुरूषों को होली खेलने नहीं दी जाती है। परंपरा के मुताबिक इस दिन पूरे गांव की महिलाएं राज जानकी मंदिर में इकट्ठा होकर फागुन गीत गाते हुए होली खेलती है। ऐसा करते हुए महिलाएं गांव घूमती हैं और हर मंदिर में जाती हैं।
    उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश के कुंडरा गांव में सिर्फ महिलाएं ही होली खेलती हैं। इस गांव में पुरूषों को होली खेलने नहीं दी जाती है। परंपरा के मुताबिक इस दिन पूरे गांव की महिलाएं राज जानकी मंदिर में इकट्ठा होकर फागुन गीत गाते हुए होली खेलती है। ऐसा करते हुए महिलाएं गांव घूमती हैं और हर मंदिर में जाती हैं।
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हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सुकेत इलाके में होली के दिन अलग ही परंपरा निभाई जाती है। इस दिन बहन-बेटियों के लिए मायके से रोटी भेजी जाती है, इसे बांटा भी कहते हैं। इस इलाके के लोगों का मानना है कि मायके की जमीन में उगी फसल का शेयर बांटे के रूप में बेटियों को दिया जाता है।
    हिमाचल प्रदेश हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सुकेत इलाके में होली के दिन अलग ही परंपरा निभाई जाती है। इस दिन बहन-बेटियों के लिए मायके से रोटी भेजी जाती है, इसे बांटा भी कहते हैं। इस इलाके के लोगों का मानना है कि मायके की जमीन में उगी फसल का शेयर बांटे के रूप में बेटियों को दिया जाता है।
  • ब्रज
ब्रज के बरसाना गांव की होली तो पूरे भारत में फेमस है। यहां पर होली की टोलियां जब पिचकारियां मारती हैं, तो महिलाएं उनपर लाठियां बरसाती हैं। लाठियां बरसाने पर पुरुषों को बचते हुए महिलाओं को रंगों से भिगोना होता है, इसे लठमार होली भी कहते हैं।
    ब्रज ब्रज के बरसाना गांव की होली तो पूरे भारत में फेमस है। यहां पर होली की टोलियां जब पिचकारियां मारती हैं, तो महिलाएं उनपर लाठियां बरसाती हैं। लाठियां बरसाने पर पुरुषों को बचते हुए महिलाओं को रंगों से भिगोना होता है, इसे लठमार होली भी कहते हैं।