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Chhath Puja 2022: छठ पूजा के तीसरे दिन यानी कि आज 30 अक्टूबर को छठ व्रतियों और भक्तों ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया। सूर्य को संध्या अर्घ्य देने के बाद व्रतियों ने सूर्य भगवान के सामने हाथ जोड़कर उनकी वंदना की और परिवार के सुख और शांति के लिए प्रार्थना की।
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पुराणों में छठ पूजा में डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का विशेष महत्व है। छठ पूजा के तीसरे दिन व्रतियों ने पानी में खड़े होकर संध्या अर्घ्य देते नज़र आये। इस दौरान इस दौरान बिहार, देश की राजधानी दिल्ली से लेकर मुंबई तक लोगों छठ की छठा में डूबे दिखे।
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छठ पर्व का पौराणिक और वैज्ञानिक महत्व है। कार्तिक मास में सूर्य अपनी नीच राशि में होता है, इसलिए सूर्य देव की विशेष उपासना की जाती है, ताकि स्वास्थ्य की समस्याएं परेशान न करें।
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छठ के महापर्व में कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि को व्रती महिलाएं उपवास रखती हैं और शाम को किसी नदी या तालाब में जाकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देती हैं।
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षष्ठी तिथि का संबंध संतान की आयु से भी होता है। सूर्यदेव और छठी मैया की पूजा से संतान प्राप्ति और और उसकी आयु की रक्षा हो जाती है।
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बांस के सूप में फल, ठेकुआ प्रसाद, ईख, नारियल रखकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसके बाद सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। अब कल यानी कि 31 अक्टूबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इस दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 27 मिनट पर होगा।
इसके साथ ही छठ पूजा का समापन हो जाता है।