असम विधान सभा चुनाव के रुझान से अब स्पष्ट हो चुका है कि वहां बीजेपी गठबंधन सरकार का बनना तय है और सर्बानंद सोनोवाल बनेंगे राज्य के पहले बीजेपी मुख्यमंत्री।
सर्बानंद सोनोवाल ने ऑल असम स्टूडेंट यूनियन के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। वह 1992 और 1999 के बीच स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष रहे। सोनोवाल 2001 में यूनियन की राजनीतिक शाखा असम गण परिषद शामिल हुए और उसी साल विधायक बने।
2004 में पहली बार सोनोवाल डिब्रूगढ़ से केंद्रीय मंत्री पवन सिंह घाटोवर को हराकर लोकसभा में दाख़िल हुए। परिषद के नेतृत्व से मतभेद के बाद सोनोवाल 2011 में बीजेपी में शामिल हो गए। 2012 में उन्हें पार्टी की असम यूनिट का अध्यक्ष बनाया गया।
सोनोवाल ने अवैध आप्रवासी (ट्रिब्यूनल द्वारा निर्धारण) कानून के ख़िलाफ लड़ाई लड़ी और 2005 में सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून को रद्द कर दिया।
सोनोवाल 2014 तक असम बीजेपी के अध्यक्ष रहे फिर वह केंद्र में आ गए जहां उन्हें केंद्रीय राज्यमंत्री बनाया गया। विधानसभा चुनाव को देखते हुए 2015 में उन्हें फिर असम बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया। जनवरी 2016 में उन्हें पार्टी का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया।