कहते हैं कि 'दिल में जज्बा हो कुछ करने का तो कोई काम मुश्किल नहीं होता..' ये लाइन ऑटो रिक्शा ड्राइवर की बेटी मान्या सिंह पर पूरी तरह से फिट बैठती है। अपने सपनों को पूरा करने के लिए कभी उन्हें दूसरे के घरों में बर्तन धोने पड़े तो कभी-कभी कई मीलों तक पैदल भी चलना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। हर मुश्किल वक्त ने उनके हौसले को और भी ज्यादा मजबूत कर दिया। उनकी कुछ करने की जिद को और भी ज्यादा अटूट कर दिया। यही वजह है कि आज हर किसी की जुबान पर मान्या का नाम है और हर तरफ उनकी चर्चा होती है।
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मान्या सिंह के पिता ऑटो ड्राइवर हैं। मान्या का बचपन कई मुश्किलों से गुज़रा। उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा था, "मैंने खाने और नींद के बिना कई रातें बिताई हैं। मैंने अपनी कई दोपहर मीलों तक चलने में बिताई हैं। मेरे खून, पसीने और आंसुओं की बदौलत अपने सपने को पूरा करने का साहस जुटा पाई। एक ऑटोरिक्शा ड्राइवर की बेटी होने के नाते, मुझे कभी स्कूल जाने का मौका नहीं मिला, क्योंकि मैंने कम उम्र में ही काम करना शुरू कर दिया था।"
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मान्या ने आगे लिखा था, "मेरे परीक्षा की फीस भरने के लिए मां ने गहने तक गिरवी रख दिए थे। उन्होंने मेरे लिए बहुत कुछ झेला है। मैं 14 साल की उम्र में घर से भाग गई थी। दिन में पढ़ती थी और शाम को बर्तन धोती और रात को कॉल सेंटर में काम करती थी। आज मैं इस मंच पर सिर्फ अपने माता-पिता और भाई की वजह से हूं। इन्होंने मुझे सिखाया कि अगर खुद पर विश्वास है तो सपने पूरे होते हैं।"
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बता दें कि कुछ दिनों पहले ही वीएलसीसी फेमिना मिस इंडिया 2020 के विजेता की घोषणा हुई थी। मान्या सिंह फर्स्ट रनरअप थीं। उनके रियल लाइफ स्ट्रगल की काफी चर्चा हुई। मान्या ने खुद सोशल मीडिया पर अपने संघर्ष की कहानी बयां की थी।
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मिस इंडिया 2020 रनरअप मान्या सिंह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं। वो अपने कॉलेज की एक सेरेमनी में अपने परिवार के साथ उसी ऑटो रिक्शा में बैठकर गईं, जो उनके पिता चलाते हैं। मुकाम हासिल करने के बाद अपने परिवार के साथ लगातार खड़े रहने के लिए सभी लोगों ने उनकी सराहना की।