Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. गैलरी
  3. बॉलीवुड
  4. राज कुमार ही नहीं, ये सुपरस्टार भी सरकारी नौकरी छोड़ बना था एक्टर

राज कुमार ही नहीं, ये सुपरस्टार भी सरकारी नौकरी छोड़ बना था एक्टर

Priya Shukla Written By: Priya Shukla Published on: October 05, 2024 9:27 IST
  •  हिंदी सिनेमा के इतिहास में कई ऐसे दिग्गज एक्टर हुए, जिन्होंने कलाकार बनने के लिए अपना घर-परिवार सब छोड़ दिया। हिंदी सिनेमा में अपने योगदान के लिए किसी को सदी का महानायक कहा गया तो कोई 'जुबली कुमार' कहलाया। 60 के दशक में कई शानदार अभिनेता आए। ये दौर राज कपूर से लेकर दिलीप कुमार जैसे सितारों का था। इसी दौर में 'घमंडी' एक्टर के नाम से मशहूर हुए राजकुमार के आज भी चर्चे होते हैं।
    Image Source : Instagram
    हिंदी सिनेमा के इतिहास में कई ऐसे दिग्गज एक्टर हुए, जिन्होंने कलाकार बनने के लिए अपना घर-परिवार सब छोड़ दिया। हिंदी सिनेमा में अपने योगदान के लिए किसी को सदी का महानायक कहा गया तो कोई 'जुबली कुमार' कहलाया। 60 के दशक में कई शानदार अभिनेता आए। ये दौर राज कपूर से लेकर दिलीप कुमार जैसे सितारों का था। इसी दौर में 'घमंडी' एक्टर के नाम से मशहूर हुए राजकुमार के आज भी चर्चे होते हैं।
  • राज कुमार ने सरकारी नौकरी छोड़कर अपनी शर्तों पर बॉलीवुड में काम किया। हालांकि, राजकुमार ही नहीं, इंडस्ट्री में एक और सुपरस्टार था जो पुलिस की नौकरी छोड़कर एक्टर बना था। हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड में 'जुबली कुमार' के नाम से फेमस हुए राजेंद्र कुमार की।
    Image Source : Instagram
    राज कुमार ने सरकारी नौकरी छोड़कर अपनी शर्तों पर बॉलीवुड में काम किया। हालांकि, राजकुमार ही नहीं, इंडस्ट्री में एक और सुपरस्टार था जो पुलिस की नौकरी छोड़कर एक्टर बना था। हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड में 'जुबली कुमार' के नाम से फेमस हुए राजेंद्र कुमार की।
  • हिंदी सिनेमा में काबिल एक्टरों की कमी नहीं है, लेकिन 'जुबली कुमार' की जगह कोई दूसरा एक्टर नहीं ले सका। 60 के दशक में तो उनका दर्शकों के बीच ऐसा जादू चला था कि उनकी फिल्में 25 हफ्ते तक सिनेमाघरों में लगी रहती थीं। उनकी एक फिल्म हटती नहीं थी कि दूसरी आ जाती थी।
    Image Source : Instagram
    हिंदी सिनेमा में काबिल एक्टरों की कमी नहीं है, लेकिन 'जुबली कुमार' की जगह कोई दूसरा एक्टर नहीं ले सका। 60 के दशक में तो उनका दर्शकों के बीच ऐसा जादू चला था कि उनकी फिल्में 25 हफ्ते तक सिनेमाघरों में लगी रहती थीं। उनकी एक फिल्म हटती नहीं थी कि दूसरी आ जाती थी।
  • राजेंद्र कुमार की हर फिल्म सिल्वर जुबली बनती थी, उसके बाद ही सिनेमाघरों से उतरती थी। यही वजह है कि राजेंद्र कुमार का नाम जुबली कुमार पड़ गया था। राजेंद्र कुमार का परिवार विभाजन के बाद पाकिस्तान के सियालकोट से भारत आ गया था।
    Image Source : Instagram
    राजेंद्र कुमार की हर फिल्म सिल्वर जुबली बनती थी, उसके बाद ही सिनेमाघरों से उतरती थी। यही वजह है कि राजेंद्र कुमार का नाम जुबली कुमार पड़ गया था। राजेंद्र कुमार का परिवार विभाजन के बाद पाकिस्तान के सियालकोट से भारत आ गया था।
  • राजेंद्र कुमार के पिता ने कपड़ों का बिजनेस शुरू किया, जो अच्छा चलने लगा था। राजेंद्र कुमार बचपन से ही अभिनय के क्षेत्र में जाना चाहते थे। लेकिन, तभी उनकी पुलिस की नौकरी लग गई। लेकिन, सुपरस्टार का अभिनय से ऐसा लगाव था कि उन्होंने एक्टिंग के लिए पुलिस की नौकरी छोड़ दी। पुलिस की नौकरी के लिए सिलेक्शन होने के बाद ट्रेनिंग में जाने से 2 दिन पहले एक्टर बनने का सपना लेकर राजेंद्र कुमार बम्बई पहुंच गए।
    Image Source : Instagram
    राजेंद्र कुमार के पिता ने कपड़ों का बिजनेस शुरू किया, जो अच्छा चलने लगा था। राजेंद्र कुमार बचपन से ही अभिनय के क्षेत्र में जाना चाहते थे। लेकिन, तभी उनकी पुलिस की नौकरी लग गई। लेकिन, सुपरस्टार का अभिनय से ऐसा लगाव था कि उन्होंने एक्टिंग के लिए पुलिस की नौकरी छोड़ दी। पुलिस की नौकरी के लिए सिलेक्शन होने के बाद ट्रेनिंग में जाने से 2 दिन पहले एक्टर बनने का सपना लेकर राजेंद्र कुमार बम्बई पहुंच गए।
  • लेकिन, मुंबई आने के बाद राजेंद्र कुमार का असलियत से सामना हुआ और पता लगा कि फिल्मों की राह बहुत ही कठिन है। लेकिन, वह पहले ही पुलिस की नौकरी को ठोकर मार चुके थे, ऐसे में मारे शर्म के उन्होंने घर वापस ना जाने का फैसला लिया।
    Image Source : Instagram
    लेकिन, मुंबई आने के बाद राजेंद्र कुमार का असलियत से सामना हुआ और पता लगा कि फिल्मों की राह बहुत ही कठिन है। लेकिन, वह पहले ही पुलिस की नौकरी को ठोकर मार चुके थे, ऐसे में मारे शर्म के उन्होंने घर वापस ना जाने का फैसला लिया।
  • राजेंद्र कुमार संघर्ष करते रहे और 1957 में उन्हें अपने कठिन परिश्रम का फल मिला। कई सालों की कोशिशों के बाद उन्हें 'मदर इंडिया' से असली पहचान मिली। इस फिल्म में उन्होंने नर्गिस और राजकुमार के बेटे और सुनील दत्त के भाई का रोल निभाया था।
    Image Source : Instagram
    राजेंद्र कुमार संघर्ष करते रहे और 1957 में उन्हें अपने कठिन परिश्रम का फल मिला। कई सालों की कोशिशों के बाद उन्हें 'मदर इंडिया' से असली पहचान मिली। इस फिल्म में उन्होंने नर्गिस और राजकुमार के बेटे और सुनील दत्त के भाई का रोल निभाया था।
  • उनकी पहली सबसे बड़ी हिट फिल्म थी 'गूंज उठी शहनाई', जो 1959 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म ने उन्हें रोमांटिक हीरो के तौर पर पहचान दिलाई। 1960 के दशक में उनकी बैक टू बैक कई फिल्में सिनेमाघरों में हिट साबित हुईं। ये फिल्में लगातार 25 हफ्तों तक सिनेमाघरों में लगी रहीं, जिसके बाद उनका नाम 'जुबली कुमार' पड़ा।
    Image Source : Instagram
    उनकी पहली सबसे बड़ी हिट फिल्म थी 'गूंज उठी शहनाई', जो 1959 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म ने उन्हें रोमांटिक हीरो के तौर पर पहचान दिलाई। 1960 के दशक में उनकी बैक टू बैक कई फिल्में सिनेमाघरों में हिट साबित हुईं। ये फिल्में लगातार 25 हफ्तों तक सिनेमाघरों में लगी रहीं, जिसके बाद उनका नाम 'जुबली कुमार' पड़ा।