एक माँ-बेटी का बंधन बहुत मजबूत और खास होता है, इसे आप शब्दों में बयान नहीं कर सकते हैं। आप जिंदगी में कितने ही बड़े क्यों ना हो जाएं, लेकिन मां की नजर में उसके बच्चे हमेशा छोटे ही होते हैं। बॉलीवुड ने मां बेटी के रिश्ते को कई बार खूबसूरती से फिल्माया है। आज हम आपको कुछ ऐसी ही फिल्मों के बारे में बताने वाले हैं।
निल बट्टे सन्नाटा मां और बेटी के रिश्ते पर बनी अनोखी फिल्म है। स्वरा भास्कर ने चंदा सहाय की भूमिका निभाई है, जो एक हाई-स्कूल ड्रॉप-आउट घरेलू नौकरानी है और एक सुस्त युवा लड़की, अपेक्षा (रिया शुक्ला) की माँ है। यह जोड़ी एक प्रेम-नफरत वाले रिश्ते से गुजरती है, इसके बाद चंदा खुद बेटी की क्लास में दाखिला लेती है। वह ऐसा इसलिए करती है ताकि अपेक्षा को अपनी परीक्षा में अच्छा करने के लिए प्रेरित किया जा सके क्योंकि उसका एकमात्र सपना था कि उसकी बेटी बड़ी होकर कुछ बन जाए।
दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे की मां बेटी की जोड़ी बेहद प्यारी है। पितृसत्ता वाले समाज का दर्द मां फरीदा जलाल बखूबी समझती थीं, तभी तो बेटी काजोल को खुद ही घर छोड़कर भाग जाने की सलाह देती हैं। ये बेहद खूबसूरत फिल्म है और इस सीन पर आपका ताली बजाने का दिल जरूर करता होगा।
श्रीदेवी ने इंग्लिश विंग्लिश में बिंदास मां शशि गोडबोले का किरदार निभाया था। वह अपने पति सतीश (आदिल हुसैन) और बेटी सपना (नविका कोटिया) की आंखों में आत्मसम्मान हासिल करने के लिए अमेरिका में एक अंग्रेजी बोलने वाले पाठ्यक्रम में चुपके से दाखिला लेती है, जो हमेशा उसकी अंग्रेजी के लिए उसका मजाक उड़ाते हैं। सपना हर छोटी बात के लिए अपनी माँ को टोक देती थी। जबकि शशि अपने गृहस्थ कर्तव्यों की परवाह किए बिना, अपनी बेटी पर बिना शर्त प्यार बरसाती रही।
मेहर विज ने फिल्म सीक्रेट सुपरस्टार में नजमा की भूमिका निभाई है, जो अपने पति की इच्छा के विरुद्ध, अपनी 15 वर्षीय बेटी इंसिया को गायिका बनने के सपने में मदद करती है। वह पैसे के लिए अपना हार बेचती है, अपनी बेटी को एक लैपटॉप खरीदकर देती है ।
मॉम फिल्म में श्रीदेवी अपनी सौतेली बेटी के लिए जिस तरह संघर्ष करती है वो काबिले तारीफ है। बेटी के रेप होने के बाद जिस तरह वो रेपिस्ट से बदला लेती हैं वो देखकर आपको एहसास हो जाएगा कि मां आखिर मां होती है।
फिल्म नीरजा में रमा भनोट (शबाना आज़मी) की 22 साल की बेटी, नीरजा (सोनम कपूर फ्लाइट अटेंडेंट थी और उसकी लाडली बेटी थी। वो हर वक्त नीरजा का ख्याल रखती थी। इस फिल्म में मां बेटी के अनोखे रिश्ते को दिखाया गया है। वो हर कदम पर बेटी के हर फैसले पर साथ थी।