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बॉलीवुड की खूबसूरत अदाकारा काजोल को अभिनय की कला विरासत में मिली है। उनके पिता सोमू मुखर्जी फिल्म निर्माता रहे हैं और मां तनुजा का नाम जानी मानी अभिनेत्रियों में शुमार था।
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काजोल ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1992 में आई फिल्म बेखुदी से की थी। इसके बाद उन्हें शाहरुख खान के साथ फिल्म बाजीगर में अभिनय करने का मौका मिला। हालांकि यह पूरी फिल्म शाहरुख पर केंद्रित थी, लेकिन काजोल ने भी इस फिल्म में अपने बेहतरीन अभिनय से दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित किया।
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काजोल को अपने बेहतरीन अभिनय के लिए 4 बार फिल्मफेयर अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
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काजोल ने अब तक के अपने फिल्मी करियर में कई शानदार फिल्में दी हैं। जिनमें करण अर्जुन, ये जिन्दगी और गुप्त जैसी फिल्में भी शामिल हैं।
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काजोल और शाहरुख के अभिनय से सजी फिल्म दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे उनके करियर की सबसे बेहतरीन फिल्म साबित हुई।
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1997 में आई फिल्म गुप्त में काजोल ग्रे शेड में नजर आईं। फिल्म में उन्होंने बतौर खलनायिका काफी बेहतरीन अभिनय किया था। इसमें शानदार परफोर्मेंस के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ खलनायिका के फिल्मफेयर अवार्ड से सम्मानित किया गया था। ऐसा पहली बार हो रहा था जब किसी अदाकारा को सर्वश्रेष्ठ खलनायिका के फिल्मफेयर से नवाजा गया था।
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1998 में आई फिल्म दुश्मन में काजोल पहली बार दोहरी भूमिका निभाती हुई नजर आई थी। दर्शकों ने फिल्म में निभाए गए उनके दोनों ही किरदारों को खूब पसंद किया था।
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1998 में ही उनकी फिल्म प्यार तो होना ही था और कुछ कुछ होता है भी रिलीज हुईं। यह वर्ष उनके लिए काफी खास था, क्योंकि उनके करियर में ऐसा पहली बार हो रहा था जब एक ही साल में वह तीन बार फिल्मफेयर अवार्ड के लिए नामांकित हुई थीं।
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1999 में अजय देवगन से शादी के बाद काजोल ने फिल्मों में काम करना काफी कम कर दिया था। 2001 में कभी खुशी कभी गम के वह लगभग सिनेमाजगत से गायब ही हो गई थीं।
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काजोल 2006 में आई फिल्म फना से एक बार फिर पर्दे पर धमाकेदार वापसी की थी। इसके बाद वह 2010 में शाहरुख के साथ माई नेम इज खान में नजर आईं।