बॉलीवुड और हॉलीवुड के बेहतरीन अभिनेता इरफान खान आज हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में आखिरी सांस ली। इरफान खान एक्टिंग के चमकते सितारे थे, उनकी एक्टिंग को निखारने में और करियर को सही दिशा देने में उनकी पत्नी सुतापा सिकदर का खास योगदान है और इरफान ने कई मौकों पर सुतापा के साथ और सहयोग का जिक्र किया था।
इरफान और सुतापा की पहली मुलाकात दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा यानी NSD में हुई थी। दोनों एक ही बैच में थे। इनके साथ एक्टिंग की बारीकियां सीख रहे थे प्रख्यात फिल्म डायरेक्टर तिग्मांशू धूलिया। इन तीनों की आपस में गहरी छनती थी। जहां सुतापा दिल्ली में पली बढ़ी मुखर और चुलबुली लड़की थी, इरफान जयपुर जैसे शहर से आए शर्मीले लड़के जिसके पास एक्टिंग के जुनून के सिवाय कुछ नहीं था।
सुतापा उस वक्त सोचती थी कि ये लड़का सारे दिन स्क्रिप्ट लेकर क्यों घूमता रहता है, क्यों बाहर घूमता फिरता नहीं है, वो कई बार इरफान से कहती कि चलो दोस्तों के साथ घूमते फिरते या मस्ती करते हैं, इरफान इनकार कर देते। उनके पास उस वक्त समय कम था, उनके काफी बड़े सपने थे जो उन्हें सीमित संसाधनों में पूरे करने थे। इस काम में सुतापा भी इरफान की मदद किया करती थी।
एक इंटरव्यू में सुतापा ने बताया कि जब कई उनकी मां NSD में उनके दोस्तों को खाने पर बुलाती तो सब तो खाने पीने के लिए ड्राइंग रूम में एकत्र हो जाते और इरफान उनके भाई की लाइब्रेरी में घुस जाते थे। तब सुतापा की मां उनसे कहती कि जाओ जाकर उस बेचारे लड़के को बुला लाओ नहीं तो वो भूखा रह जाएगा।
इऱफान का सीधापन, एक्टिंग को लेकर जुनून सुतापा को भा गया और बाद में यही उनके प्यार की वजह बना। इन दोनों ने शादी कर ली औऱ सुतापा इरफान की बेगम बन गई।
सुतापा ने शादी के बाद भी इरफान के करियर को लेकर काफी मदद की। उन्हें हमेशा विश्वास दिलाया कि वो बहुत कुछ कर सकते हैं। देखा जाए तो इरफान ने जिस एक्टिंग की बदौलत बॉलीवुड के साथ साथ हॉलीवुड में भी झंडे गाड़े वो सुतापा के उस विश्वास की बदौलत हुआ जो उन्होंने इरफान में जगाया था।