पति- काश मैं गणपति होता। तुम रोज़ मेरी पूजा करती, मुझे लड्डू खिलाती। बतड़ा मज़ा आता।
पत्नी- हां, काश तुम गणपति होते। रोज़ तुमको लड्डू खिलाती।
हर साल विसर्जन करती, नए गणपति आते, बड़ा मज़ा आता।
पति- काश मैं गणपति होता। तुम रोज़ मेरी पूजा करती, मुझे लड्डू खिलाती। बतड़ा मज़ा आता।
पत्नी- हां, काश तुम गणपति होते। रोज़ तुमको लड्डू खिलाती।
हर साल विसर्जन करती, नए गणपति आते, बड़ा मज़ा आता।
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