Thursday, November 21, 2024
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fun2sh
  • पत्थर के जिगर वालों गम में वो रवानी है। खुद राह बना लेगा बहता हुआ पानी है।।

  • इसी चमन में ही हमारा भी इक जमाना था। यहीं कहीं कोई सादा सा आशियाना था।।

  • हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते। वक्त की शाख से लम्हें नहीं तोड़ा करते।।

  • दम लबों पर था दिलेजार के घबराने से। आ गई है जां में जां आपके आ जाने से।।

  • कई घरों को निगलने के बाद आती है। मदद भी शहर के जलने के बाद आती है।।

  • रात आधी से ज्यादा गई थी, सारा आलम सोता था। नाम तेरा ले ले कर कोई दर्द का मारा रोता था।।

  • किसी को क्या पता था इस अदा पर मर मिटेंगे हम। किसी का हाथ उठ्ठा और अलकों तक चला आया।।

  • जो चल सको तो कोई ऐसी चाल चल जाना। मुझे गुमां भी ना हो और तुम बदल जाना।।

  • तेरी खुशी से अगर गम में भी खुशी न हुई। वो जिंदगी तो मुहब्बत की जिंदगी न हुई।।

  • दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई। जैसे एहसान उतारता है कोई।।

  • समझे वही इसको जो हो दीवाना किसी का। अकबर ये गजल मेरी है अफसाना किसी का।।

  • आंखों में जल रहा है क्यूं बुझता नहीं धुआं। उठता तो है घटा-सा बरसता नहीं धुआं।।

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