Thursday, November 21, 2024
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fun2sh
  • बहसें फिजूल थीं यह खुला हाल देर में। अफसोस उम्र कट गई लफ्जों के फेर में।।

  • बदलते वक्त के थपेड़ों में हम बस इतना ही समझ पाए। दुनिया हमें नहीं समझी और हम दुनियादारी न समझ पाए।।

  • अजब सिलसिला है बीतती रातों का यहाँ ! आँखो में कभी ख़वाब रहा, कभी ख्याल रहा

  • सिर्फ चेहरा ही नहीं शख्सियत भी पहचानो , जिसमें दिखता हो वही आईना नहीं होता

  • खंजर सा चुभता है सीने में काँटा सा बन गया है जीने में निकाला जाता नहीं, चैन आता नहीं..

  • आज की रात भी बीत जायेगी.. दिल की नजर फिर तरसती रह जायेगी.. कितने ही लम्हे गुजर गए यूँ ही दिल मिले और बिछड़ गए..................

  • दस्तक दी, किसी ने कहा सपने लाया हूँ; खुश रहो आप हमेशा, इतनी दुआ लाया हूँ! नाम है मेरा ........ आपको `हैप्पी न्यू इयर` विश करने आया हूँ!

  • बीत गया जो साल, भूल जाए इस नए साल को गले लगाये! करते है दुआ हम रब से सर झुका के इस साल के सारे सपने पूरे हो आपके!

  • गुनाह करके सजा से डरते है, ज़हर पी के दवा से डरते है. दुश्मनो के सितम का खौफ नहीं हमे, हम तो दोस्तों के खफा होने से डरते है।

  • करनी है खुदा से गुजारिश, तेरी दोस्ती के सिवा कोई बंदगी न मिले, हर जनम में मिले दोस्त तेरे जैसा, या फिर कभी जिंदगी न मिले।

  • कहते है पीर फ़क़ीर ये तो बात एक याद रखना हमेशा… माँ की आँख से झलकते ही आंसू के दुनिआ में क़यामत आ जाती है

  • न वो सपना देखो जो टूट जाये, न वो हाथ थामो जो छूट जाये, मत आने दो किसी को करीब इतना, कि उसके दूर जाने से इंसान खुद से रूठ जाये।

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