आज के जमाने में सत्संग उसी संत का बढिय़ा होता है।
जिसके पंडाल में गर्म पोहा-जलेबी और अदरक वाली चाय मिले।
वरना ज्ञान तो अब वॉट्सएप पर भी बंटता है।
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