सोशल मीडिया पर कई वीडियो आजकल शेयर होते रहते हैं, जिस पर तरह-तरह के दावे किए जाते हैं। इन वीडियो में कुछ ऐसे वीडियो भी होते हैं जो फर्जी या फिर स्क्रिप्टेड होते हैं। इन्हें आम लोग पहचानने में गलती कर देते हैं और सच मान लेते हैं। ऐसे में इंडिया टीवी की फैक्ट चेक टीम ऐसी वीडियो से बचाने के लिए वास्तविकता का पता लगाती है। इसी सिलसिले में एक वीडियो इंडिया टीवी की फैक्ट चेक टीम के हाथ लगा, जिसमें दावा किया गया कि पुलिस ने एक सब्जी बेचने वाली महिला की मुसीबत के दौरान मदद की। हालांकि हमारी पड़ताल में यह वीडियो स्क्रिप्डेट मिला।
क्या था वीडियोो में?
वीडियो में दिखा कि एक महिला सब्जी बेच रही है कि तभी एक कार आती है और उसके आंचल पर पहिया से दबा देता है। इस दौरान ड्राइवर कार से उतर जाता है और पास के ही रेस्टोरेंट या फिर ढाबे जैसे मकान में चला जाता है। महिला को जब इसका पता चलता है तो वह परेशान हो जाती है। फिर तभी वहां दो पुलिसवाले आते हैं और एक कार मैकेनिक को बुलाकर महिला का आंचल छुड़ा देते हैं और कार का पहिया खुलवा कर लेकर चले जाते हैं। इस वीडियो के कैप्शन में लिखा गया,"Great job by the Indian police, big salute to them"
क्या मिला पड़ताल में?
हालांकि वीडियो में एक लूप होल है जिसकी वजह से टीम ने इसकी पड़ताल की। वीडियो में जब पुलिस वाले आते हैं तो उनमें से एक कार का दरवाजा खोलने की कोशिश करने का नाटक करता है जबकि उसके हाथ लगाते ही दरवाजा खुल जाता है और फिर वह जल्दी से उसे बंद कर देता है। इसी कारण टीम ने इसकी पड़ताल की।
हमने वायरल वीडियो को मल्टीपल की फ्रेम और गूगल रिवर्स ईमेज में भी सर्च किया तो हमें ढेरों रिजल्ट मिले, जिनमें से एक संजना गजरानी का पेज मिला, जो 12 अप्रैल को पोस्ट किया गया था। ये वीडियो पूरी तरह वायरल हो रहे वीडियो से मेल खाता मिला। इसके कैप्शन में वीडियो का सच लिखा गया।
इसमें लिखा गया, "देखने के लिए धन्यवाद! कृपया ध्यान दें कि इस पेज पर स्क्रिप्टेड ड्रामा, पैरोडी और जागरूकता वीडियो हैं। ये शॉर्ट फिल्में केवल मनोरंजन और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए बनाई गई हैं। वीडियो में दिखाए गए सभी पात्र और परिस्थितियाँ काल्पनिक हैं और इनका उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना, मनोरंजन करना और शिक्षा देना है।"
हमने इस यूजर की प्रोफाइल भी देखी और 'अबाउट' सेक्शन भी देखा। इसे 'एक्टर' कैटेगरी में लिस्ट किया गया था।
क्या है सच्चाई?
सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा कि पुलिसवालों ने एक महिला की मदद की, वह पूरी तरह झूठा है क्योंकि वीडियो स्क्रिप्टेड है। वीडियो की निर्माता संजना गलरानी हैं।