सोशल मीडिया में अक्सर कई तरह के वीडियो वायरल होते हैं। इनमें से कई सोशल मीडिया यूजर्स फेक वीडियो को गलत दावों के साथ अपलोड कर देते हैं। अन्य लोग इन वीडियो को सच मानकर शेयर करने लगते हैं। ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म में कई दिनों से गलत दावे के साथ वायरल हो रहा है। ये वीडियो हाल ही में भारत-बांग्लादेश के बॉर्डर का बताया जा रहा है।
क्या हो रहा वायरल?
इंडिया टीवी की फैक्ट चेक टीम ने वायरल वीडियो की पड़ताल की है। हमारी टीम ने पता किया कि ये वायरल वीडियो जिसे दावे के साथ शेयर किया जा रहा है, वह सही है कि नहीं। दरअसल, सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर 8 अगस्त, 2024 को एक वीडियो अपलोड किया गया है। ये वीडियो भारत-बांग्लादेश के बॉर्डर का बताया जा रहा है। इस वीडियो के कैप्शन में लिखा गया है Visuals from India-Bangladesh border in Assam (असम में भारत-बांग्लादेश सीमा के दृश्य)। इस वीडियो को Curlycrown (X@OKa74449) नाम के यूजर्स ने अपोलड किया है। इसमें बताया गया है कि असम-बांग्लादेश बॉर्डर से बड़ी संख्या में हिंदू भारत आने की कोशिश कर रहे हैं। इस को लेकर बॉर्डर पर लोगों की भीड़ जमा हो गई है।
India TV की फैक्ट चेक टीम ने की पड़ताल
इंडिया टीवी की फैक्ट चेक टीम ने इस वायरल वीडियो के सत्यतता की जांच की है। सबसे पहले हमारी टीम ने वीडियो के कई स्क्रीनशॉट लेकर गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया। इससे वायरल वीडियो से संबंधित कई लिंक खुलकर सामने आ गए। इसमें से एक लिंक यूट्यूब का भी दिखा, जो कि जून 2018 का था। YOUR FRIENDS नाम से एक यूट्यूब चैनल ने इस वीडियो को 5 जून, 2018 को अपलोड किया था। साथ ही इस वीडियो के कैप्शन में लिखा कि India Bangladesh Milan Mela 15 April 2018, यानी की सोशल मीडिया में जो वीडियो वायरल हो रहा है। ये वीडियो हिंदुओं के बांग्लादेश छोड़ने का नहीं बल्कि आज से 6 साल पहले इंडिया-बांग्लादेश बॉर्डर पर होने वाले मिलन मेला समारोह का है।
कोरोना आने के बाद से नहीं हो रहा बॉर्डर पर ये मेला
गूगल रिवर्स इमेज से मिले दूसरे लिंक पर पता चला कि ये मेला भारत-बांग्लादेश के पश्चिम बंगाल बॉर्डर पर यह मिलन समारोह उस जगह आयोजित होता है, जहां दोनों देशों की फेंसिंग यानी कंटीली तार लगी होती है। इस मेले का दिन भी तय होता है। जिस भी तिथि को बैसाखी होती है, उसी दिन यह मिलन मेला आयोजित किया जाता है। इस मेले में दोनों देशों के लोग अपने रिश्तेदारों और सगे-संबंधियों से बॉर्डर पर मिलने आते हैं। दोनों तरफ के कटीलों तारों के आर-पार से आपस में बात करते हैं। हालांकि, कोरोना आने के बाद से ये मेला बॉर्डर पर आयोजित नहीं हो रहा है।
असम पुलिस ने भी बताया वीडियो को गलत
हाल ही में वायरल हुए इस वीडियो को गलत दावों के साथ शेयर किए जाने पर असम पुलिस ने भी इसे फेक बताया है। असम पुलिस ने 8 अगस्त, 2024 को ट्वीट करते हुए लिखा कि गलत सूचना से सावधान रहें। अप्रैल 2018 का एक पुराना वीडियो असम में भारत-बांग्लादेश सीमा के हालिया दृश्य के रूप में गलत तरीके से वायरल किया जा रहा है। गलत इरादे से दहशत फैलाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
गलत दावे के साथ वीडियो हो रहा वायरल
इस तरह इंडिया टीवी की फैक्ट चेक टीम ने पाया की सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म में गलत दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो फेक है। इस वीडियो का हाल की घटना से कोई लेना देना नहीं है। वायरल वीडियो आज से 6 साल पहले भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर आयोजित एक मेले का है, जो कि अब गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।