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Fact Check: पुराना है महिलाओं पर लाठी भांजते पुलिस कर्मियों का ये वीडियो, झूठा निकला दावा

सोशल मीडिया पर महिलाओं के लाठीचार्ज का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें ये दावा किया जा रहा है कि ये मध्य प्रदेश का है। जब हमने इस वीडियो का फैक्ट चेक किया तो ये चार साल पुराना निकला और साथ ही वीडियो के साथ किया जाने वाला दावा भी झूठा निकला।

Written By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published : Sep 28, 2023 23:50 IST, Updated : Sep 28, 2023 23:50 IST
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Image Source : INDIA TV महिलाओं पर लाठीचार्ज वाले वीडियो का फैक्ट चेक

India TV Fact Check: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव का माहौल है। ऐसे में तमाम राजनेताओं के बयान और राजनैतिक दलों से संबंधित कई तरह की भ्रामक और अधूरी जानकारी फैलाई जा रही है। इसी तरह का एक वीडियो हमें सोशल मीडिया पर मिला। इस वीडियो में पुलिस वाले कुछ महिलाओं पर लाठीचार्ज करते हुए दिखाई दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर इस वीडियो को शेयर कर अलग-अलग यूजर ये दावा कर रहे हैं कि ये घटना मध्य प्रदेश की है। जब हमने इसका फैक्ट चेक किया तो ना वीडियो मध्य प्रदेश का निकला और ना ही हाल का है।

क्या हो रहा वायरल?

ये वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कई सारे यूजर्स ने शेयर किया है। हर किसी ने इस 14 सेंकेंड के वीडियो के साथ यही दावा किया है कि ये वीडियो मध्य प्रदेश का है। इस वीडियो में पुरुष पुलिसकर्मी कई सारी महिला प्रदर्शनकारियों को लाठी से बुरी तरह पीटते दिख रहे हैं। एक X यूजर @rajsinghyadav02 ने इस वीडियो को 28 सिंतबर, 2023 को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, "वाह रे सरकार और सरकार मे महिला सुरक्षा। वाह रे पुलिस, ये कंस मामा की पुलिस है क्या..? क्या करवाई होगी इसपे..?" (कैप्शन जस का तस लिखा गया है)

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Image Source : SCREENSHOT
सोशल मीडिया गलत दावों के साथ वायरल हुआ वीडियो

एक और यूजर @realwajidkhan ने इसी वीडियो को 27 सितंबर 2023 को शेयर किया था और कैप्शन में लिखा, "भाजपा शासित राज्य मध्यप्रदेश की पुलिस का महिला सम्मान देख लीजिए.. सरकार भी महिला विरोधी और पुलिस भी।" एक और X यूजर @Ashok_Kashmir ने भी इस वीडियो को शेयर किया और कैप्शन में लिखा, "मध्यप्रदेश में 'महिला आरक्षण बिल' पास होने पर लाड़ली बहना को बधाई देता मामा का पुलिसवाला।" (कैप्शन जस का तस लिखा गया है) ये भी बता दें कि यहां 'मामा' से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर इशारा है।

इंडिया टीवी ने किया फैक्ट चेक
इस वीडियो के जब हमने कुछ कीफ्रेम को गूगल लेंस की मदद से सर्च किया तो कई सारे सर्च रिजल्ट सामने आए। इस दौरान हमें Scroll.in की एक खबर दिखी। ये खबर 25 सितंबर 2019 को पब्लिश की गई थी। इस खबर की हैडलाइन थी- Watch: Police beat up female Anganwadi Sevika Sahayika Sangh workers at protest in Ranchi (देखें: रांची में विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने महिला आंगनवाड़ी सेविका सहायिका संघ कार्यकर्ताओं की पिटाई की) इस खबर के अनुसार, "24 सितंबर (2019) को, झारखंड पुलिस के सदस्यों ने रांची में महिला आंगनवाड़ी सेविका सहायिका संघ कार्यकर्ताओं की पिटाई की। प्रदर्शनकारियों की मांगों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए सरकारी कर्मचारी का दर्जा, सामाजिक सुरक्षा लाभ, पदोन्नति देते समय ऊपरी आयु सीमा समाप्त करना और सेवानिवृत्ति की आयु 60 से बढ़ाकर 65 करना शामिल है।"

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Image Source : SCREENSHOT
कीफ्रेम सर्च से मिली Scroll.in की ये खबर

घटना से जुड़ी इतनी जानकारी मिलने के बाद हमने गूगल पर इससे संबंधित कीवर्ड की मदद से खबरें सर्च की। इस दौरान हमें 'प्रभात खबर'की न्यूज वेबसाइट पर एक और खबर मिली। ये खबर 24 सितंबर 2019 को प्रकाशित की गई थी। इस खबर की हैडलाइन थी- "सीएम आवास घेरने निकली आंगनबाड़ी सेविकाओं पर चली लाठी, कई हुई घायल" 

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Image Source : SCREENSHOT
चार साल पुरानी रांची की घटना की खबर मिली

इस खबर के अनुसार, "मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने जा रही आंगनबाड़ी सेविकाओं पर पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया। इसमें कई घायल हो गयीं हैं, जबकि एक का हाथ टूट गया है। घटना मंगलवार दोपहर तीन बजे मछली घर चौराहा में लगायी गयी बैरिकेडिंग के पास हुई। सेविकाओं का आरोप है कि वे शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रही थीं, तभी पुलिसवालों ने उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर पीटना शुरू कर दिया। पुलिस की पिटाई से घायल आंगनबाड़ी सेविकाएं वहीं धरने पर ही बैठ गयीं।"

अपनी पड़ताल के दौरान हमें झारखंड की महगामा विधानसभा की विधायक दीपिका पांडेय सिंह का भी पोस्ट मिला। विधायक दीपिका ने ये वीडियो 24 सितंबर 2019 को शेयर किया था। इसके कैप्शन में लिखा है, "वाह रे सरकार और उनकी पुलिस निहत्ती बेबस महिला पर ये ख़ाकी वाले अपनी मर्दानगी दिखा रहे है। एक पुरुष होकर आंगनबाड़ी सेविकाओं पर बेरहमी से लाठियां बरसा रहे हैं। मुख्यमंत्री जी इन आंगनबाड़ी सेविकाओं के साथ ये बर्बरता इसलिए क्यूँकि वो अपना हक़ मांग रही थीं।"

पड़ताल में क्या निकला?
इंडिया टीवी के फैक्ट चेक में हमें ये पता चला कि मध्य प्रदेश का बताकर वायरल किया जा रहा वीडियो असल में झारखंड का है। इतना ही नहीं ये वीडियो हाल का नहीं, बल्कि साल 2019 का है,जिसे झूठे दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

 

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