India TV Fact Check: सोशल मीडिया के दौर में हर दिन कई फेक न्यूज और फेक वीडियो वायरल होते रहते हैं। आम लोग इन फेक न्यूज पर आसानी से भरोसा कर लेते हैं और इन्हें आगे फॉरवर्ड कर देते हैं। इन्हीं फेक न्यूज से आपको सावधान करने के लिए हम लेकर आते हैं India TV फैक्ट चेक। फेक न्यूज का ताजा मामला वंदे भारत ट्रेन से जुड़ा है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दिख रहा है कि एक युवक किसी वंदे भारत एक्सप्रेस की खिड़की के कांच को हथौड़ा मारकर तोड़ रहा है। वीडियो के साथ कहा जा रहा है कि ये कोई मुसलमान है जो ‘रेल जिहाद’ में लगा है। इस वीडियो को शेयर करते हुए तमाम सोशल मीडिया यूजर्स अपना गुस्सा निकाल रहे हैं। हालांकि, जब India TV ने इस दावे का फैक्ट चेक किया तो ये दावा पूरी तरह से फर्जी साबित हुआ है।
क्या किया गया दावा?
वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए एक यूजर ने लिखा है, ''ट्रेन जिहाद अपने चरम पे है… वीडियो कहाँ का है ये पता नहीं चल सका है लेकिन आप देख सकते हैं कि ISIS मॉड्यूल का आतंकवादी कैसे "वन्दे भारत" ट्रेन के। शीशे को तोड़कर अपनी साज़िश को अंजाम दे रहा है.. शीशे को तोड़कर अपनी साज़िश को अंजाम दे रहा है.. वीडियो को इतना Repost करें कि ये आतंकवादी पकड़ा जाये।” इसी तरह के कैप्शन के साथ वीडियो को फेसबुक और इंस्टाग्राम पर सैकड़ों लोग शेयर कर चुके हैं।
इंडिया टीवी फैक्ट चेक ने पाया कि यह वीडियो ट्रेन को नुकसान पहुंचाने का नहीं है, बल्कि ये अहमदाबाद के रेलवे मेंटेनेन्स यार्ड का वीडियो है, जहां टूटे कांच को बदलने के लिए तोड़ कर हटाया जा रहा है। काम करने वाला व्यक्ति भी मुस्लिम नहीं है। वायरल पोस्ट्स के कमेंट सेक्शन में हमें एक से ज्यादा ऐसे ट्वीट्स दिखे जिसमें कहा गया था कि ये व्यक्ति टूटे कांच को बदलने के लिए उसे हथौड़े से तोड़ रहा है। वीडियो को गौर से देखने पर कांच के एकदम नीचे वाले हिस्से में एक दरार भी देखी जा सकती है।
“ट्रेन्स ऑफ इंडिया” नाम के एक एक्स अकाउंट ने वंदे भारत ट्रेन के कांच बदलने का एक दूसरा वीडियो अपलोड किया और बताया कि वंदे भारत के टूटे हुए शीशे को इसी तरह से बदला जाता है। ऐसे कई यूट्यूब वीडियो भी मिले हैं जिनमें वंदे भारत के कांच को हथौड़े से तोड़कर बदला जा रहा है।
India TV ने की पड़ताल
सोशल मीडिया पर ये वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा था, इसलिए हमने इस दावे की पड़ताल करने की ठानी। सबसे पहले हमने गूगल ओपन सर्च की मदद से विभिन्न वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सर्च किया। इस दौरान हमें इंस्टाग्राम पर @singare_mahi_manish के नाम से एक अकाउंट मिला जिसमें हूबहू यही शर्ट पहने ऐसी ही कद काठी वाले व्यक्ति ने कई और वीडियो अपलोड किए थे। इनमें से कई वीडियो वंदे भारत ट्रेन के संबंध में थे। अकाउंट में इसका नाम ‘सिंगर मनीष’ लिखा है। जांच करने पर पता चला कि मनीष सचमुच अहमदाबाद में रेलवे मेंटेनेन्स का काम करने वाली एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता है।
युवक का नाम मनीष कुमार गुप्ता है। वह बिहार के आरा जिले का रहने वाला है और अहमदाबाद में वंदे भारत ट्रेन की टूटी खिड़कियों की मरम्मत करने का काम करता है। न्यूज वेबसाइट द लल्लनटॉप ने मनीष के दोस्तों से संपर्क करने की कोशिश की तब उनमें से एक ने इस बात की पुष्टि की कि मनीष सचमुच अहमदाबाद में रेलवे मेंटेनेन्स का काम करने वाली एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता है।
पड़ताल करने पर रेलवे के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने द लल्लनटॉप से बातचीत में इस बात की पुष्टि कर दी कि घटना वाकई अहमदाबाद की है। उन्होंने बताया कि ये वीडियो कांकरिया स्थित एकीकृत कोचिंग डिपो में अहमदाबाद-मुंबई वंदे भारत के इन्स्पेक्शन के दौरान का है। उनके मुताबिक ये वीडियो 5-6 दिन पहले का है। उन्होंने ये भी बताया कि खिड़की के शीशे को बदलने के लिए ही तोड़ा जा रहा है। मनीष ने ये वीडियो पहले खुद ही शेयर किया था लेकिन बवाल मचने के बाद उसने अपने अकाउंट से ये वीडियो डिलीट कर दिया था।
फैक्ट चेक में क्या निकला?
जांच में वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा गलत पाया गया। इंडिया टीवी के फैक्ट चेक ने पाया कि इस वीडियो का रेल जिहाद या ऐसे किसी केस से कोई संबंध नहीं है। रेलवे के मेंटेनेन्स यार्ड में वंदे भारत का कांच बदलने वाले वीडियो को ट्रेन पर हमले और रेल जिहाद के फर्जी दावों के साथ शेयर किया जा रहा है, इसलिए लोगों को ऐसी किसी भी फर्जी पोस्ट से सावधान रहने की सलाह दी जाती है।