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Fact Check: क्या यह तस्वीर सच में चंद्रयान-3 के रोवर ने बनाई है? फैक्ट चेक में सामने आई सच्चाई

चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद सोशल मीडिया पर सैंकड़ो वीडियो और फोटो वायरल हो रहे हैं। इनमें से एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें दावा किया जा रहा है कि चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर के चांद पर चलते वक्त ये निशान बने हैं। हमने जब इस फोटो का फैक्ट चेक किया तो ये तस्वीर फर्जी निकली।

Written By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published : Aug 26, 2023 15:05 IST, Updated : Aug 26, 2023 17:16 IST
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Image Source : INDIA TV प्रज्ञान रोवर से बने निशान की बताकर वायरल हो रही तस्वीर का फैक्ट चेक

India TV Fact Check: ये बात सच है कि इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) ने जो कर दिखाया है, वो पूरी दुनिया में अभी तक कोई नहीं कर पाया है। 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी भाग पर भारत का चंद्रयान-3 की सुरक्षित सॉफ्ट लैंडिंग हुई है। चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद सोशल मीडिया पर सैंकड़ो वीडियो और फोटो वायरल हो रहे हैं। इनमें से बहुत सारे वीडियो और फोटो भ्रामक निकल रहे हैं, जिनका इंडिया टीवी की फैक्ट चेक टीम लगातार पड़ताल कर सच बताकर लोगों को सही जानकारी दे रही है। ऐसा ही एक और फोटो हमें मिला जिसमें इसरो और भारत के राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ के निशान दिख रहे हैं और इसके साथ दावा किया जा रहा है कि ये चांद पर गए चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर के पहियों से बने हैं। लिहाजा हमने इस दावे की फैक्ट चेक किया और सच का पता लगाया।

क्या है वायरल फोटो के साथ दावा?

एक सोशल मीडिया पोस्ट जो X (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूजर @Zaira_Nizaam ने दो तस्वीरों के साथ की है। इसके कैप्शन में अंग्रेजी में लिखा है, "अशोक स्तंभ और इसरो का लोगो अनंत काल के लिए चंद्रमा पर अंकित हुआ! प्रज्ञानरोवर चंद्रमा की सतह पर उतरा। चंद्रयान-3 एक बड़ी सफलता है।"
इस पोस्ट में दो तस्वीरें साझा की गई हैं जिनमें से एक विक्रम लैंडर के कैमरे द्वारा खींची गई असली तस्वीर है और दूसरी तस्वीर संदेह जनक है। इस दूसरी तस्वीर में सरो और भारत के राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ के निशान उकरे हुए दिख रहे हैं। X पर लोग इस तस्वीर को धड़ाधड़ शेयर कर रहे हैं। फेसबुक पर भी कई सारे यूजर्स ने इसी तस्वीर को शेयर किया और दावा किया कि ये च्रंद्रयान-3 के रोवर के पहियों की छाप है। 

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Image Source : SCREENSHOT
वायरल हो रही पोस्ट का स्क्रीनशॉट

इंडिया टीवी ने किया फैक्ट चेक
सबसे पहले तो हमने चंद्रयान-3 मिशन के बार में जानकारी जुटानी शुरू की, ताकि इस बात की पुष्टी की जा सके कि चांद पर गए भारत के रोवर के चांद सहत पर चलने से किसी तरह के निशान बनने की संभावना है भी या नहीं। जब हमने गूगल पर सर्च किया तो सामने आया कि 25 अगस्त को इसरो ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें लैंडर विक्रम से रोवर प्रज्ञान बाहर आते हुए दिख रहा है। इस वीडियो में एक एंगल से केवल लैंडर के रैंप से रोवर को उतरते हुए ही दिखाया गया है। इसरो ने चांद पर पहुंचने के बाद प्रज्ञान रोवर की इस वीडियो के पहले कोई तस्वीर जारी नहीं की है। 

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Image Source : ISRO
विक्रम लैंडर से बाहर आते प्रज्ञान रोवर की पहली वीडियो

इसरो के वीडियो से अलग है तस्वीर
फिर हमने अपनी पड़ताल को और आगे बढ़ाया। इसरो का प्रज्ञान रोवर चांद पर चहलकदमी कर रहा है और लगातार अहम जानकारी जुटा रहा है। इसरो ने जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक ये बात सच है कि प्रज्ञान रोवर जैसे-जैसे चांद की सहत पर आगे बढ़ रहा है, वह अपने पहियों से इसरो और भारत के राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ के निशान उकेर रहा है। यानि की तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा काफी हद तक सही है, लेकिन वायरल तस्वीर असली या फर्जी, इसको लेकर हमारी पड़ताल अभी जारी थी। जब हमने इसरो की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध जारी चंद्रयान-3 की एक एनिमेटेट वीडियो को ध्यान से देखा तो उसमें भी प्रज्ञान रोवर के पहियों से चांद की सतह पर इसरो और अशोक स्तंभ के निशान बनते दिखाए गए हैं। लेकिन इसरो की इस वीडियो में ये निशान वायरल तस्वीर से एक दम अलग तरह से बनते दिख रहे हैं। 

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Image Source : ISRO VIDEO GRAB
इसरो द्वारा जारी प्रज्ञान रोवर से बनते निशान का एनिमेटेड वीडियो

इसरो की वीडियो में एक तरफ के पहियों से अशोक स्तंभ के निशान और दूसरे तरफ के पहियों से इसरो के छोटे-छोटे निशान बनते दिख रहे हैं। वहीं वायरल तस्वीर में दोनों तरफ केवल पहियों के निशान बने हैं और बीच में बड़े-बड़े अशोक स्तंभ और इसरो के निशान दिख रहे हैं। लिहाजा इसरो की जानकारी के हिसाब से वायरल तस्वीर में दिख रहे निशान फैक्ट्स के हिसाब से भी गलत साबित हो रहे हैं।

इसरो के मुताबिक प्रज्ञान रोवर के द्वारा चांद की सतह पर चहलकदमी के दौरान बन रहे इसरो और अशोक स्तंभ के निशान चांद पर भारत की मौजूदगी का प्रतीक होंगे। क्यूंकि चांद पर हवा नहीं है तो ये निशान चंद्रमा की सतह पर करोड़ों सालों तक ऐसे ही बने रहेंगे।

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Image Source : SCREENSHOT
चंडीगढ़ यूनीवर्सिटी के फेसबुक पेज पर दिखी एनिमेटेड फोटो

तस्वीर की सच्चाई आई सामने
हमने इस तस्वीर को गूगल रिवर्स सर्च किया और सामने आई कई सारे सर्च रिजल्ट को बारीकी से खंगाला। इसी क्रम में हमारी नजर में चंडीगढ़ यूनीवर्सिटी की एक फेसबुक सामने आई। इस पोस्ट में यही तस्वीर पोस्ट की गई थी। लेकिन इस पोस्ट के कैप्शन से सच सामने आने लगा था। चंडीगढ़ यूनीवर्सिटी ने फेसबुक पर इस तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा, "चंद्रयान-3: चंद्रमा की सतह पर घूमते रोवर का एक एनिमेटेड प्रतिरूप।" इससे ये साफ हो गया कि ये तस्वीर प्रज्ञान रोवर द्वारा चांद पर उकेरे जा रहे निशानों का एनिमेटेड यानी कि कंम्प्यूटर से बनाई गई तस्वीर है। 

इंडिया टीवी के फैक्ट चेक में इस तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा कि चांद पर प्रज्ञान रोवर इसरो और भारत के राष्ट्रीय चिह्न अशोक स्तंभ के निशान उकेर रहा है, सही निकला। लेकिन ये तस्वीर पूरी तरह से फर्जी निकली। ये तस्वीर कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर द्वारा बनाई गई है।

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