जब भी दुनिया में कोई बड़ी घटना होती है तो उससे जुड़ी भ्रामक और फेक न्यूज बड़े स्तर पर सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं। इन फेक न्यूज को घटना से संबंधित दिखने वाले वीडियो के साथ ही वायरल किया जाता है जिससे आम लोग आसानी से इसके शिकार हो जाते है। इन्हीं भ्रामक खबरों से आपको सावधान करने के लिए हम लाते हैं India TV Fact Check। फेक न्यूज का ताजा मामला आया है इजरायल-हमास युद्ध से, जिसमें पाकिस्तान में हुए एक बम विस्फोट को फिलिस्तीन का बता कर शेयर किया जा रहा है। आइए जानते हैं इस वायरल दावे की सच्चाई।
क्या है पूरा मामला?
सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल किया जा रहा है। इस वीडियो में लोगों की एक भीड़ हाथ में झंडे लेकर रैली निकाल रहे हैं। अचानक से यहां एक बम विस्फोट होता है और लोगों के चिथड़े उड़ जाते हैं। लोगों के बीच भगदड़ मच जाती है। वीडियो को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो फिलिस्तीन में हुए हादसे का है।
क्या है दावा?
रैली में हुए बम विस्फोट का वीडियो वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि ये घटना फिलिस्तीन के समर्थन में निकाली गई रैली में हुई है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस वीडियो को शेयर करते हुए आदित्य हिंदू नाम के यूजर ने लिखा है- 'फ्लेस्तीन के समर्थन मे रैली निकली, बम फटा और कई निकल लिए 72 हूरो के पास'। कई अन्य लोगों ने भी इस वीडियो री-पोस्ट और शेयर किया है।
India Tv ने की पड़ताल
सोशल मीडिया पर इस विस्फोट का वीडियो काफी वायरल हो रहा था। ऐसे में हमने इस वीडियो की पड़ताल करने की ठानी। हमने सबसे पहले वीडियो पर गौर किया कि इसमें कहीं भी फिलिस्तीन से संबंधित कोई झंडा दिखाई नहीं दे रहा है। हमने फिर इस वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च किया। फिर हमें वकार हसन नाम के यूजर का 29 सितंबर का एक ट्वीट मिला। इसमें ठीक वही वीडियो शेयर करते हुए लिखा गया है कि पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान में मिलादुन्नबी के जुलूस में हुए बम धमाके में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। फिर हमने गूगल ओपन सर्च पर इस घटना से जुड़े कीवर्ड्स को सर्च किया। हमें पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित अल-फलाह मस्जिद के पास ईद मिलाद-उल-नबी के जुलूस के मौके पर हुए ब्लास्ट से जुड़ी कई खबरें मिली और पाकिस्तानी नेताओं के ट्वीट मिले।
Fact Check में ये निकला
India TV Fact Check में सामने आया कि वायरल हो रहे बम ब्लास्ट के वीडियो का फिलिस्तीन के समर्थन में रैली से कोई लेना देना नहीं है। ये घटना पाकिस्तान के बलूचिस्तान में सितंबर महीने में हुई थी। लोगों को ऐसी भ्रामक खबरों से सावधान रहने की सलाह दी जाती है।
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