सोशल मीडिया पर हर रोज भारी संख्या में फेक न्यूज वायरल होते रहते हैं। ये फेक न्यूज कई बार ऐसे ट्रेंडिंग मुद्दों को आधार बना कर शेयर किए जाते हैं कि लोग आसानी से इनका शिकार हो कर इसे आगे शेयर करने लगते हैं। ऐसे ही फेक न्यूज से आपको सावधान करने के लिए हम लेकर आते हैं India Tv Fact Check. फेक न्यूज का आज का मामला जुड़ा है अयोध्या में बन रहे राम मंदिर से। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दावा किया जा रहा है कि राम मंदिर का निर्माण जन्मभूमि से 3 किलोमीटर दूर करवाया गया है। हालांकि, India Tv की ओर से किए गए फैक्ट चेक में वे दावा पूरी तरह से झूठा साबित हुआ है।
क्या हो रहा है वायरल?
दरअसल, बीते कुछ दिनों से विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर दावा किया जा रहा है कि राम मंदिर जन्मस्थान यानी की उस स्थान पर नहीं बन रहा है जहां पर बाबरी मस्जिद थी। दावे के लिए लोग गूगल मैप का एक स्क्रीनशॉट भी शेयर कर रहे हैं जिसमें राम मंदिर को बाबरी मस्जिद से 3 किलोमीटर दूर दिखाया गया है। कई राजनीतिक दलों के नेता भी इस मुद्दे को उठा रहे हैं। फेसबुक यूजर M. Hashmi ने इस मैप की फोटो शेयर करते हुए लिखा है- ""मंदिर वही बनाएंगे" "मंदिर वही बनाएंगे" बोल बोल कर बाबरी मस्ज़िद गिराई, बाबरी मस्जिद के बड़े गुंबद के नीचे ही राम का जन्म हुआ था मनगढ़ंत बातें बोलकर वहीं मंदिर बनाने के हेतु साजिशन मस्जिद गिराई गई... फिर मंदिर वहां से 3 किलोमीटर दूर क्यों बनाया जा रहा है... अगर 3 किलोमीटर दूर ही मंदिर बनाना था तो मस्जिद क्यों गिराई... हिंदू मुस्लिम में नफरत क्यू फैलाई गई... अब ये साफ हो गया की इसके पीछे सिर्फ और सिर्फ राजनीती है, इसीलिए ये बात अब तक कोई न्यूज़ चैनल वाला तक नहीं बता रहा।"
India Tv ने की पड़ताल
चू्ंकि राम मंदिर भारत के सबसे बड़े मुद्दों में से एक है और अभी चर्चा में बना हुआ है। इसलिए हमने इस वायरल दावे की पड़ताल करने की ठानी। वायरल किए जा रहे गूगल मैप के स्क्रीन शॉट को जब हमने गौर से देखा तो इसमें दो जगहों पर मार्किंग दिखाई गई। एक जगह पर लिखा था श्री रामजन्म भूमि मंदिर और दूसरी जगह पर लिखा था बाबर मस्जिद। लोग इसी बात की दलील देकर सोशल मीडिया पर राम मंदिर निर्माण पर सवाल उठा रहे हैं।
ऐसे खुली दावे की पोल
जब हममे गूगल मैप्स पर बाबर मस्जिद को लेकर सर्च किया तो ये राम मंदिर से दूरी पर दिखाई दिया। हालांकि, इसके नीचे परमानेंटली क्लोज का मैसेज दिखा रहा था। इसके बाद जब हमने मैप को और जूम कर के देखा तो यहां बाबर मस्जिद के बजाय श्री सीता-राम बिड़ला मंदिर दिखाई दिया। बात साफ हो गई थी कि वहां पर बाबर मस्जिद जैसी कोई जगह नहीं है। आपको बता दें कि गूगल मैप्स ने यूजर्स को किसी जगह को किसी नाम से टैग करने की सुविधा दी है। कई बार लोग इस पर गलत जानकारी और गलत फोटो लगा देते हैं जिसे शिकायत के बाद सही कर दिया जाता है।
फैक्ट चेक में क्या निकला?
India Tv की ओर से किए गए फैक्ट चेक में सामने आया कि सोशल मीडिया पर वायरल स्क्रीनशॉट में जिस जगह की बात की गई है वहां श्री सीता-राम बिड़ला मंदिर है। वहीं, राम मंदिर भी अपने मूल जगह पर ही बन रहा है। ऐसे में यूजर्स को ऐसे झूठे दावे वाले पोस्ट से सावधान रहने की सलाह दी जाती है।
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