India Tv Fact Check: कुछ ही दिन पहले उत्तर प्रदेश के बदायूं में साजिद नाम के एक शख्स ने दो मासूमों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। इसके बाद आरोपी यूपी पुलिस के एनकाउंटर में मारा गया था। साजिद के मारे जाने के बाद इंटरनेट पर एक तस्वीर वायरल की जा रही है, जिसके साथ दावा है कि दो मासूमों को मारने वाले साजिद के जनाजे में तीस हजार से ज्यादा मुस्लिम पहुंचे थे। लेकिन हमारी पड़ताल में ये दावा गलत और फोटो 9 साल पुरानी निकली।
क्या हो रहा वायरल?
दरअसल, एक फेसबुक यूजर Ashok Naiko ने 23 मार्च 2024 को ये पोस्ट शेयर की थी जिसके साथ कैप्शन में लिखा है, "समझदार को इशारा काफ़ी" इस पोस्ट के साथ शेयर किया गया फोटो भी किसी अन्य पोस्ट का स्क्रीनशॉट है। इसमें लिखा है, "रमजान चल रहा है। साजिद ने छ: वर्ष के अहान और 13 वर्ष के आयुष को 23 बार चाकू मार कर नृशंसता से मार डाला। 30000 मुसलमान उसके जनाजे में शामिल हुए।" इस तस्वीर में और भी कई सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील बातें लिखी हैं,जिन्हें हम यहां नहीं लिख सकते।
इंडिया टीवी ने की पड़ताल
सबसे पहले हमने बदायूं एनकाउंटर में मारे गए साजिद के जनाजे की खबरें और तस्वीरें गूगल पर सर्च कीं। लेकिन कहीं भी हमें प्रमाणिक तौर पर साजिद के जनाजे की तस्वीर नहीं मिली जो इस तस्वीर के साथ मेल खाती। इसके बाद हमने वायरल फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च किया। इस दौरान हमें reddit पर ये तस्वीर एक पोस्ट के साथ मिली। यहां r/india नाम के यूजर ने इस फोटो को 9 साल पहले शेयर किया था। इसके साथ लिखा है, Namaz-e-janaza being offered for Yakub Memon (याकूब मेमन के लिए पढ़ी जा रही है नमाज-ए-जनाजा)
reddit पर मिली 9 साल पुरानी ये फोटो, वायरल तस्वीर के साथ मेल खा रही है, लेकिन यहां दावा है कि ये तस्वीर मुंबई सीरियल ब्लास्ट मामले के दोषी आतंकी याकूब मेमन के नमाज-ए-जनाजा की तस्वीर है। इसके बाद हमने गूगल पर याकूब मेमन के जनाजे की तस्वीर सर्च की। इस दौरान हमें oneindia की वेबसाइट पर एक खबर मिली। ये खबर 31 जुलाई 2015 को प्रकाशित की गई थी। इस खबर की हैडलाइन है- Yakub Memon hanged: Those who attended funeral are 'potential terrorists', tweets Tripura Governor (याकूब मेमन को फांसी: त्रिपुरा के राज्यपाल ने ट्वीट किया, जो लोग अंतिम संस्कार में शामिल हुए वे 'संभावित आतंकवादी'हैं)
इस खबर में गौर करने वाली चीज थी इसकी तस्वीर। खबर में जो तस्वीर लगाई गई है, उसमें दिख रहा है कि एक पुरानी इमारत के बाहर भारी पुलिस फोर्स लगी है। इस इमारत पर 'नासिर रेस्टॉरेंट' का एक बोर्ड लगा है। 'नासिर रेस्टॉरेंट'का ये बोर्ड वायरल तस्वीर में दिख रहे 'नासिर रेस्टॉरेंट'के बोर्ड से पूरी तरह से मेल खाता है।
लिहाजा यहां से तार जोड़ते हुए ये कहा जा सकता है कि वायरल तस्वीर असल में आतंकी याकूब मेमन के अंतिम संस्कार में शामिल हुई भीड़ की हो सकती है, लेकिन साजिद के जनाजे की बिल्कुल नहीं है।
फैक्ट चेक में क्या निकला?
इंडिया टीवी के पड़ताल में साफ हुआ कि वायरल फोटो बदायूं एनकाउंटर में मारे गए साजिद के जनाजे की नहीं है। बल्कि याकूब मेमन के अंतिम संस्कार की हो सकती है।
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