कभी-कभी सोशल मीडिया पर ऐसी सूचनाएं आती हैं, जिससे आम आदमी घबरा जाए। आम आदमी इन सूचना व खबरों के तह तक नहीं जाता इस कारण वे उसी दावे का सच मान बैठते हैं और फिर अपना नुकसान कर बैठते हैं। ऐसे ही एक खबर सोशल मीडिया पर फर्राटे से दौड़ी कि TRAI अब दो सिम चालने वालों पर जुर्माना लगाएगी जिस पर काफी लोगों ने भरोसा किया हालांकि बाद में उसे संस्थान ने इसे फेक खबर बता दिया।
क्या किया गया दावा?
सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) दो सिम चलाने वालों पर अब फाइन लगाने जा रही है। यूजर @ggganeshh ने सोशल मीडिया एक्स पर यह दावा किया। साथ ही कैप्शन लिखा गया कि कई मीडिया चैनल दावा कर रहे हैं, "रिपार्ट के हवाले से कहा गया कि एक ही फोन में दो सिम इस्तेमाल करने पर जुर्माना लगाने की योजना बना रहा है ट्राई"
क्या निकला दावे में?
इंडिया टीवी की फैक्ट चेक टीम ने इस दावे की पड़ताल करने की ठानी कि क्या ये सच है? हमने इस दावे से संबंधित समाचार रिपोर्ट की तलाश में गूगल पर 'ट्राई डुअल सिम फाइन' कीवर्ड सर्च किया। इस दौरान हमें कई रिजल्ट मिले, हमने इससे द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट को देखा, जिसमें बताया गया था कि ट्राई ने "regulate numbering resources" के लिए एक प्रस्ताव रखा था। ऐसा ही हमें लोकमत न्यूज वेबसाइट पर मिला।
द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्राधिकरण फोन नंबरों को "अत्यंत मूल्यवान सार्वजनिक संसाधन मानता है, जिसकी कोई सीमा नहीं है," इसलिए वह कम उपयोग वाले नंबरों वाले मोबाइल ऑपरेटरों पर शुल्क लगाने की योजना बना रहा है। बदले में ऑपरेटर उन नंबरों के मालिकों से, जिनका उपयोग लम्बे समय से नहीं किया गया है, एकमुश्त या वार्षिक शुल्क के रूप में शुल्क ले सकते हैं। मूलतः, प्रस्तावित जुर्माना केवल उन लोगों पर लागू होगा जिनके पास दो फोन नंबर हैं, लेकिन वे उनमें से एक का उपयोग नहीं करते हैं।
ट्राई के प्रेस रिलीज में क्या मिला?
इसके बाद हमें ट्राई की वेबसाइट पर "Revision of National Numbering Plan" टाइटल से कंसल्टेशन पेपर मिला और उससे संबंधित एक प्रेस रिलीज भी मिली। जिसमें साफ साफ लिखा गया कि किसी भी दस्तावेज़ में फोन में दो सिम रखने वाले लोगों के लिए किसी भी तरह के शुल्क या जुर्माने का उल्लेख नहीं किया गया है। हालांकि, परामर्श पत्र के एक भाग में विशेष और वैनिटी नंबरों पर चर्चा की गई है, जिन्हें दूरसंचार सेवा प्रदाता (टीएसपी) अपने ग्राहकों को आवंटित करते हैं, जो बदले में उनका उपयोग कर सकते हैं या नहीं कर सकते हैं, या उन्हें जमा कर सकते हैं, जिससे "नंबरिंग संसाधनों का अकुशल उपयोग" होता है।
ट्राई ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं पर कम उपयोग किए गए नंबरों के लिए "वन टाइम" या "एनअल रेकरिंग" चार्ज लगाने का सुझाव दिया है, साथ ही उन दूरसंचार सेवा प्रदाताओं पर "वित्तीय प्रतिबंध" लगाने का भी सुझाव दिया है जो निष्क्रिय किए गए फोन नंबरों को पुनः आवंटित किए बिना अपने पास रखते हैं।
दूसरे प्रेस रिलीज में क्या कहा गया?
साथ ही वायरल दावे में भ्रम को स्पष्ट करने के लिए संस्था ने 14 जून को एक और प्रेस रिलीज भी जारी किया। जिसमें लिखा गया कि यह "अटकलबाजी" कि ट्राई ग्राहकों पर "एक से अधिक सिम/नंबर रखने के लिए" जुर्माना लगाने की योजना बना रहा है, पूरी तरीके से गलत (False) है।
निष्कर्ष क्या निकला?
सोशल मीडिया पर चल रहा यह दावा कि TRAI दो सिम चलाने वालों पर जुर्माना लगाएगी, इंडिया टीवी की फैक्ट चेक में पूरी तरह गलत (False) पाया गया।
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