Fact Check by LOGICALLY FACTS: सोशल मीडिया पर आए दिन कोई न कोई वीडियो वायरल होते रहते हैं, ऐसे में इस वीडियो की सच्चाई हर किसी को समझ नहीं आती और वे फर्जी खबरों के शिकार बन जाते हैं। ऐसे ही एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया गया जिसमें दावा किया गया कि लोकसभा चुनाव के दौरान व्यक्ति ने एक मशीन तोड़ दिया है, हालांकि Fact Check में यह दावा फर्जी पाया गया है।
क्या किया गया दावा?
सोशल मीडिया एक्स पर एक यूजर ने @MeghUpdates एक वीडियो शेयर किया, जिसमें एक व्यक्ति ने मतदान के दौरान मशीन को जमीन पर पटक दिया। इसके बाद वहां मौजूद कर्मचारियों ने उसे पकड़ लिया। इस वीडियो के कैप्शन में लिखा गया,"पीठासीन अधिकारियों और सुरक्षा टीमों को सावधान और सतर्क रहना चाहिए... हार के डर से वे कुछ भी कर सकते हैं।"
पड़ताल में क्या मिला?
वायरल वीडियो के कीफ़्रेम को रिवर्स इमेज सर्च के माध्यम से, पाया गया कि इसे 12 मई, 2023 को CNN-News18 (अर्काइव्ड लिंक) ने YouTube पर ऐसा ही एक वीडियो शेयर किया गया था। वीडियो डिटेल से पता चलता है कि इसे राज्य चुनावों के दौरान कर्नाटक के मैसूर जिले में रिकॉर्ड किया गया था।
पड़ताल में स्थानीय कन्नड़ समाचार चैनलों, विजयवाणी (अर्काइव्ड लिंक) और साक्षी टीवी (अर्काइव्ड लिंक) के भी वीडियो रिपोर्ट मिले, जिन्होंने मई 2023 में अपने आधिकारिक यूट्यूब चैनलों पर वही वीडियो शेयर किया था। वहीं, पिछले साल मई में पब्लिश द हिंदू की एक रिपोर्ट में कहा गया कि यह घटना मतदान के दौरान मैसूर के चामुंडेश्वरी विधानसभा क्षेत्र के हूटागल्ली में एक मतदान केंद्र पर दर्ज की गई। ईवीएम कंट्रोल यूनिट को नुकसान पहुंचाने का दोषी व्यक्ति मानसिक रूप से अस्वस्थ होने का संदेह था और उसकी पहचान शिवमूर्ति के रूप में की गई थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस उपायुक्त मुथुराज ने कहा कि आईपीसी की धारा 84 के तहत मानसिक हालात से संबंधित मामला दर्ज किया गया था, जिसके फलस्वरूप उस व्यक्ति को non-cognisable offense के लिए जमानत पर रिहा कर दिया गया। मैसूर के डिप्टी कमिश्नर के.वी.राजेंद्र ने रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मामले की जांच की जा रही है, पुलिस आगे की कार्रवाई करने के लिए व्यक्ति की मानसिक स्थिति पर मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
चुनाव आयोग ने किया खारिज
वहीं, पड़ताल में चुनाव आयोग ने भी 27 अप्रैल को वायरल वीडियो को संबधित X (अर्काइव्ड लिंक) पर एक पोस्ट शेयर किया , इसमें आयोग ने कहा कि इसे चल रहे चुनाव से जोड़ने का दावा "शरारती इरादे" को दर्शाता है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि यह 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव का एक पुराना वीडियो है। कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने भी एक्स पर इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया कि ये वीडियो लोकसभा चुनाव का है।
क्या निकला निष्कर्ष?
फैक्ट चेक में पाया गया कि इस वीडियो का मौजूदा लोकसभा चुनाव से कोई संबंध नहीं है। यह हमला 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान मैसूर के चामुंडेश्वरी विधानसभा क्षेत्र के एक मतदान केंद्र पर किया गया था। इसलिए, ये दावा पूरी तरह गलत है।
Result- False
Reference Links
Vijaya Vani
Sakshi TV
The Hindu
(Disclaimer: यह फैक्ट चेक मूल रूप से LOGICALLY FACTS द्वारा किया गया है, जिसे Shakti Collective की मदद से India TV ने पुन: प्रकाशित किया है।)