आए दिन सोशल मीडिया पर न जाने कितने ही वीडियो, फोटोज वायरल होते रहते हैं। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर ऐसे वायरल वीडियो की भरमार है, जिनका सच्चाई से कुछ भी लेना दना नहीं होता। ऐसे ही सोशल मीडिया पर चार तस्वीरों का एक कोलाज वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक मुगलकालीन मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान 1,500 साल पुरानी भगवान विष्णु की मूर्ति, सुदर्शन चक्र और अन्य हिंदू प्रतीकों जैसे प्रतीकों की खोज की गई। जब हमने इस दावे की जांच की तो सच्चाई कुछ और ही निकली
क्या हो रहा वायरल?
सोशल मीडिया पर चारो फोटो का एक कोलाज आग की तरह वायरल हो रहा है। वायरल हो रहे कोलाज में शिवलिंग, भगवान विष्णु की दो मूर्तियां और सुदर्शन चक्र जैसी एक और वस्तु दिखाई दे रही है। एक फेसबुक यूजर ने कोलाज को तेलुगु में कैप्शन के साथ शेयर किया, जिसका अनुवाद है, "संभल मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान 1500 साल पुरानी विष्णु प्रतिमा, सुदर्शन चक्र और हिंदू प्रतीक मिले। हर हिंदू को शेयर करना चाहिए और हिंदू धर्म की रक्षा करनी चाहिए।"
उल्लेखनीय है कि हाल ही में सम्भल खबरों में रहा था, क्योंकि एक मस्जिद (शाही जामा मस्जिद) के न्यायालय द्वारा आदेशित सर्वेक्षण के कारण प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़पें हुईं, जिसमें चार लोग मारे गए और कई घायल हो गए।
कैसे पता लगी सच्चाई?
जब हमने वायरल कोलाज की रिवर्स इमेज सर्च की, तो हमें NDTV द्वारा 7 फरवरी, 2024 को पोस्ट किया गया एक X पोस्ट मिला, जिसका शीर्षक था "कर्नाटक के नदी तट पर सदियों पुरानी विष्णु की मूर्ति और शिवलिंग मिला।" यहाँ दिख रही तीन तस्वीरें अब वायरल हो रहे दावे से मेल खाती हैं।
NDTV की एक डिटेल्ड रिपोर्ट में बताया गया है कि कर्नाटक के रायचूर जिले के शक्ति नगर नामक क्षेत्र में कृष्णा नदी के किनारे से 1,000 साल पुरानी विष्णु की मूर्ति और शिवलिंग बरामद किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, विष्णु की मूर्ति और शिवलिंग अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के कब्जे में हैं। विष्णु की मूर्ति अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में स्थापित राम लला की मूर्ति से मिलती जुलती है। राम लला की मूर्ति को राज्य के एक लोकप्रिय मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया था।
ये तस्वीरें फरवरी 2024 में टाइम्स ऑफ इंडिया और स्थानीय समाचार चैनल TV9 कन्नड़ की रिपोर्ट में भी प्रकाशित हुई थीं, जो ऊपर बताए गए विवरणों की पुष्टि करती हैं।
इसके अलावा, हमें कोलाज में चौथी तस्वीर मिली, जिसे सुदर्शन चक्र माना जाता है, जो इंडियामार्ट नामक एक ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट पर है। तस्वीर के नीचे कैप्शन में लिखा है, "सामग्री: पीतल का सुदर्शनचक्र कलशम, मंदिर।" वेबसाइट के अनुसार, यह सामग्री हैदराबाद में कोलचरम आर्ट क्रिएशन द्वारा निर्मित और बेची जाती है।
फैक्ट चेक में क्या सामने आया?
इंडिया टीवी द्वारा किए गए एक फैक्ट-चेक में पता चला है कि वायरल सोशल मीडिया पोस्ट भ्रामक है। पोस्ट में झूठा दावा किया गया है कि संभल में एक मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान मूर्तियां मिली थीं। वास्तव में, हिंदू भगवान की मूर्तियों की तीन तस्वीरें कर्नाटक में बरामद की गई थीं, जबकि चौथी तस्वीर एक शॉपिंग वेबसाइट से ली गई है।