Original Fact Check by Logically Facts: भारत में चल रहे लोकसभा चुनाव 2024 के बीच सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक वीडियो में एक वृद्ध महिला राहुल गांधी की आलोचना करती हुई दिख रही है। इसके साथ ही वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को "शांति के प्रतीक" का रूप बता रही है। कई यूजर्स ने दावा किया है कि वीडियो में दिख रही महिला मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI-M) की नेता सुभाषिनी अली हैं।
वीडियो में महिला हिंदी में बोलते हुए कहती है कि "अगर आप चाहते हैं कि देश आगे बढ़े तो कृपया राहुल गांधी का जिक्र न करें। उन्हें राजनीति और देश के बारे में जानकारी नहीं है।" वह आगे पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहती है कि "अगर आप देश को बचाना चाहते हैं तो हमें मोदी को वोट देना चाहिए। उन्होंने पूरे देश को संभाला है और हमें उनका आभारी होना चाहिए। वह हमें दुनिया भर में हो रहे युद्धों से बचा रहे हैं। और मुझे लगता है कि वह शांति के प्रतीक हैं।"
एक्स पर किए गए एक पोस्ट में इस वीडियो को साझा किया था। इसके कैप्शन में लिखा था कि "कृपया मतदान से पहले सुभाषिनी अली जी को सुनें (मान लें कि उन्होंने ऐसा कहा है)। उनके पास जनता के लिए यह सलाह है! सभी से अनुरोध है कि वोट करें और कृपया सोच-समझकर भारत के हित में वोट करें।"
इस पोस्ट को लिखे जाने तक (ऑर्काइव) को मंच पर लगभग 26,000 बार देखा जा चुका है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर इसी तरह के पोस्ट के अन्य वीडियो यहां और यहां देखे जा सकते हैं। कई फेसबुक यूजर्स ने भी इस क्लिप को समान दावों के साथ शेयर किया है; उन ऑर्काइव्स को भी यहां और यहां देखा जा सकता है।
हालांकि, हमारी जांच से पता चला है कि वायरल क्लिप में महिला की गलत पहचान की गई थी। वह सीपीआई-एम की नेता सुभाषिनी अली नहीं हैं।
फैक्ट चेक में क्या मिला?
वायरल वीडियो को ध्यान से देखने पर हमें माइक्रोफोन पर "99 ख़बर" लोगो नजर आया। Google पर की गई सर्च इसी नाम से YouTube चैनल तक ले गई। इस चैनल पर वायरल क्लिप का एक लंबा संस्करण मिला, जिसे 29 जनवरी, 2024 को अपलोड किया गया था। इसके शीर्षक में "खूबसूरत लड़कियां राहुल गांधी से नाराज क्यों मोदी बनाम राहुल गांधी जनता की राय। लोकसभा चुनाव 2024।” लिखा गया है। इस वीडियो में ही उक्त महिला को 6:55 से 8:00 मिनट के टाइमस्टैम्प पर अपनी राय व्यक्त करते हुए देखा जा सकता है।
99 ख़बर द्वारा इंस्टाग्राम अकाउंट पर (ऑर्काइव) 12 मार्च, 2024 को अपलोड किए गए एक अन्य जनमत वीडियो में भी उसी महिला की पहचान की। यहां भी, उस महिला को मोदी की प्रशंसा करते हुए सुना जा सकता है।
हालांकि, किसी भी वीडियो में महिला का नाम या पहचान नहीं बताई गई है। यदि यह सीपीआई-एम नेता सुभाषिनी अली की राय होती, जैसा कि दावा किया गया है, तो संभवतः यूट्यूब वीडियो रिपोर्ट में इस बारे में बताया गया होता लेकिन वीडियो को 'जनता की राय' कहा गया है। अन्य मीडिया संगठनों ने भी इसे कवर किया होगा, लेकिन हमें अली द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करने वाली ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली।
हालांकि यह सच है कि वायरल तस्वीर में दिख रही महिला पहली नजर में सुभाषिनी अली से कुछ हद तक मिलती-जुलती है, लेकिन करीब से देखने पर उसके चेहरे में कई असमानताएं सामने आईं।
वायरल क्लिप में महिला की आवाज़ की तुलना सुभाषिनी अली के पिछले साक्षात्कारों से की और पिच, टोन और वॉयस मॉड्यूलेशन में स्पष्ट अंतर पाया।
इसके अलावा, सुभाषिनी अली (ऑर्काइव) ने भी अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर एक स्पष्टीकरण पोस्ट किया है, जिसमें कहा गया है कि "यह मुझसे जुड़ी एक फर्जी वीडियो है। इसमें मैं नहीं, मेरी आवाज नहीं, मेरे विचार नहीं हैं। मैंने इसकी सूचना ECI और पुलिस को दी है।" देखें वे क्या करते हैं।"
लॉजिकली फैक्ट्स से बात करते हुए उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि वायरल वीडियो में वह नहीं हैं। लॉजिकली फैक्ट्स ने 99 खबर से भी संपर्क किया है और जब भी हमें प्रतिक्रिया मिलेगी हम स्टोरी को अपडेट करेंगे।
निष्कर्ष
पीएम मोदी पर अपने विचार व्यक्त करने और राहुल गांधी की आलोचना करने वाली एक वृद्ध महिला के वायरल वीडियो को सीपीआई-एम नेता सुभाषिनी अली के नाम से गलत तरीके से पेश किया गया है और 2024 के लोकसभा चुनावों के बीच उनकी राजनीतिक राय के रूप में गलत तरीके से पेश किया गया है। इसलिए, हमने दावे को गलत के रूप में चिह्नित किया है।
Refence Lnks
(Disclaimer: यह फैक्ट चेक मूल रूप से Logically Facts द्वारा किया गया है, जिसे Shakti Collective की मदद से India TV ने पुन: प्रकाशित किया है)