8 फरवरी को हुई हल्द्वानी के बनभूलपुरा हिंसा में 5 लोगों की जान चली गई व कई लोग घायल हो गए हैं। इस हिंसा से जुड़े करीब 35 आरोपियों की अब तक गिरफ्तारी हो चुकी है। इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक बच्ची रो रही है और कह रही है "मेरा घर मत तोड़ो"। इस वीडियो को लेकर दावा किया गया कि हल्द्वानी हिंसा के बीच मोदी जी से रोकर कह रही बच्ची मेरा घर मत तोड़ो। जब हमने इस वीडियो की जांच-पड़ताल की को ये दावा गलत पाया गया है।
क्या हो रहा वायरल?
सोशल मीडिया इंस्टाग्राम पर हमें एक वीडियो मिला जिसमें एक बच्ची रो रही है और कैप्शन में दावा किया गया कि 'हल्द्वानी हिंसा के बीच मोदी जी से रो-रोकर कह रही बच्ची मेरा घर मत तोड़ो'। वहीं, वीडियो में बच्ची कह रही “मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करना चाहती हूं कि हमारे घर नहीं तोड़े जाएं, यहां हमारे स्कूल हैं, हम कैसे पढ़ेंगे?”
India TV ने की पड़ताल
सोशल मीडिया पर इस पोस्ट को खूब शेयर किया जा रहा है, इसलिए हमने इस मामले में जांच-पड़ताल शुरू की। हमने इस वीडियो को रिवर्स इमेज सर्च टूल डाला, रिवर्स इमेज सर्च से हमें पूरा इसका पूरा वीडियो मिला। पड़ताल में मिला कि ये वीडियो 4 जनवरी, 2023 को एक समाचार पोर्टल क्लेरियन इंडिया ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया था। और बच्ची के रोने की वायरल क्लिप पत्रकार ग़ज़ाला अहमद की उत्तराखंड के हलद्वानी से एक बड़ी ग्राउंड रिपोर्ट का हिस्सा थी।
अहमद ने भी उसी दिन अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर वीडियो रिपोर्ट साझा की, जिसमें कई अन्य लोग और खुद रिपोर्टर भी शामिल थे। इससे साबित होता है कि वायरल वीडियो हाल ही में हलद्वानी में हुई हिंसा से पहले का है। इसके अलावा कैप्शन में लिखा गया कि @क्लेरियन_इंडिया के लिए #हल्द्वानी उत्तराखंड से मेरी ग्राउंड रिपोर्ट। स्थानीय लोगों का दावा है कि हाई कोर्ट का कदम राजनीति से प्रेरित है और राज्य में मुस्लिम वोट बैंक को कम करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। वे कहते हैं कि चाहे मर भी जाएं, अपना घर नहीं छोड़ेंगे, सारी उम्मीदें सुप्रीम कोर्ट पर हैं।
जानकारी दे दें कि जनवरी 2023 में, हलद्वानी के बनभूलपुरा के मुस्लिम निवासियों ने पड़ोस से उन्हें बेदखल करने के हाई कोर्ट के आदेश का विरोध किया, क्योंकि भूमि कथित तौर पर भारतीय रेलवे की थी। हालाँकि, समाचार रिपोर्टों में उस समय हुई किसी भी हिंसा को लेकर कोई रिपोर्ट नहीं है। फिर 5 जनवरी, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने बनभूलपुरा में प्रस्तावित विध्वंस पर रोक लगा दी, जिसके बाद निवासियों ने अपना विरोध बंद कर दिया था। ग़ज़ाला अहमद की वीडियो का ही छोटा हिस्सा काटकर इसे सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा है।
क्या निकला निष्कर्ष?
हमारी पड़ताल में हमने पाया कि ये वायरल वीडियो का हल्द्वानी का तो है, पर जनवरी 2023 का। जिसका 8 फरवरी 2024 की बनभूलपुरा की हिंसा से कोई संबंध नहीं है।
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