सोशल मीडिया पर आए दिन कोई-न-कोई वीडियो या फोटो वायरल होती ही रहती है। ऐसे में उस फोटो या वीडियो की सच्चाई का अंदाजा हर कोई नहीं लगा पाता और फर्जी खबरों का शिकार हो जाता है। आप तो जानते ही होंगे कि किसान आंदोलन चलते हुए तीसरा हफ्ता हो चुका है, इसी बीच सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल हो रहा है कि किसान आंदोलन के दरमियान भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी गुरुद्वारा गए हैं। इंडिया टीवी की फैक्ट चेक में यह दावा गलत पाया गया।
क्या किया गया दावा?
सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर हो रही है, जिसमें बताया गया कि किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच धोनी ने गुरुद्वारे का दौरा किया और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को बनाए रखने के लिए उनकी सराहना की। हालांकि, इंडिया टीवी की फैक्ट चेक टीम ने मामले की जांच की और फोटो की सच्चाई का पता लगाया।
सोशल मीडिया एक्स पर दावा किया गया, "महेंद्र सिंह धोनी निमंत्रण के बाद राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठान नहीं गए, लेकिन वह आज चल रहे किसान विरोध के दौरान गुरुद्वारा गए। एमएसडी एक मेधावी व्यक्ति हैं जो अभी भी धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को कायम रख रहे हैं"
पड़ताल में क्या निकला?
जब हमने इस फोटो से संबंधित अपनी खोजबीन शुरू की तो हमने पाया कि ऐसा ही वायरल तस्वीर गुरप्रीत सिंह आनंद नाम के एक इंस्टाग्राम यूजर से लगाया गया, जिसने 2022 में इसी तरह की फोटो शेयर की थी। पोस्ट से हमें पता चला कि खालसा जत्था ब्रिटिश आइल्स के अध्यक्ष आनंद ने यह फोटो अक्टूबर 2022 में लंदन गुरुद्वारे में धोनी से मुलाकात के बारे में पोस्ट किया था। साथ ही आनंद के इंस्टाग्राम पोस्ट और मीडिया रिपोर्टों ने फोटो की प्रामाणिकता और उसके स्थान लंदन की पुष्टि की।
हमें खोजबीन में कई लिंक मिले जो इस दावे को गलत साबित करते हैं
ऐसे में हमारे दावे में हमें मिला कि सोशल मीडिया पर चल रहे दावों का धोनी के हाल ही में किसी गुरुद्वारे में जाने का कोई विश्वसनीय सबूत नहीं है। ऐसे में यह दावा कि धोनी ने किसानों के प्रदर्शन के बीच गुरुद्वारा की यात्रा की, पूरी तरह खारिज हो गई।
क्या निकला निष्कर्ष?
हमने फैक्ट चेक में ये पाया कि गुरुद्वारे में धोनी की घूम रही तस्वीर हाल की नहीं बल्कि 2022 की है, जो उनकी लंदन यात्रा के दौरान खींची गई थी। इसे मौजूदा किसानों के विरोध प्रदर्शन से जोड़ने का दावा गलत और भ्रामक है।