Originally Fact check by Logically Facts: देश में लोकसभा चुनाव 2024 के बीच बड़ी संख्या में फेक न्यूज का भी प्रसार हो रहा है। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो को जमकर वायरल किया जा रहा है जिसमें कुछ लोग एक पुतला जलाने की कोशिश में खुद ही आग की चपेट में आ जाते हैं। इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि कर्नाटक में कांग्रेस कार्यकर्ता प्रधानमंत्री मोदी के पुतले में आग लगाने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि, वे खुद ही इस आग की चपेट में आ गए।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन लिखा- "कर्नाटक में मोदी का पुतला जलाते समय पाँच काग्रेसियों की लुंगी में आग लग गई! देखें कैसे हुआ यह सब. अब् मोदीजी के पुतले भी सबक सिखाने लग गये..।" इस पोस्ट को अब तक 256,000 व्यूज़ मिल चुके हैं। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें। ऐसे ही दावों के साथ शेयर किये गए अन्य पोस्ट यहां, यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं।
यह वीडियो 2012 में केरल के पतनमतिट्टा में हुई एक घटना का है, जब केरल स्टूडेंट यूनियन के कार्यकर्ता महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी के कुलपति (वाइस चांसलर) राजन गुरुक्कल का पुतला जलाते समय आग की चपेट में आ गए थे।
हमने सच का पता कैसे लगाया?
हमने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो के कीफ़्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिये खोजा। ऐसा करने पर हमें इसका लंबा वर्ज़न जुलाई 5, 2012, को 'एशियानेट न्यूज़' यूट्यूब चैनल पर शेयर की गई एक रिपोर्ट (आर्काइव) में मिला। रिपोर्ट के मुताबिक़, वीडियो में कांग्रेस नहीं बल्कि केरल स्टूडेंट यूनियन (केएसयू) के कार्यकर्ता हैं जिन्होंने केरल के पतनमतिट्टा ज़िले में स्थित महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी के कुलपति के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया था। इस दौरान कई कार्यकर्ता ख़ुद आग की चपेट में आ गए थे।
इस वीडियो में विरोध प्रदर्शन में शामिल कार्यकर्ताओं को केएसयू (KSU) का झंडा लिए हुए भी देखा जा सकता है। आपको बता दें कि केएसयू केरल का एक प्रमुख छात्र संगठन है। यह केरल में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की छात्र शाखा है।
केरल की इस घटना का जिक्र 24 जुलाई, 2012 की टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में भी है। दरअसल यह घटना जुलाई 4 को केरल के पतनमतिट्टा में हुई थी, जब छात्रों का एक समूह पतनमतिट्टा में राजनीतिक विरोध के हिस्से के रूप में एक पुतले को आग लगा रहे था। इस बीच पुतले में आग लगाने के दौरान लपटे अनियंत्रित हो गईं जिससे कुछ छात्रों को चोट लग गई।
रिपोर्ट में बताया गया है कि केरल स्टूडेंट यूनियन से जुड़े कार्यकर्ता एमजी यूनिवर्सिटी के कुलपति का पुतला फूंकने की कोशिश कर रहे थे। ये छात्र कुलपति के कथित भ्रष्टाचार का विरोध कर रहे थे। जिन लोगों को चोटें आईं उनमें केएसयू के राज्य और ज़िला अध्यक्षों के साथ-साथ एक ज़िला कार्यकारी सदस्य भी शामिल हैं। घटना के बाद उन्हें एक स्थानीय निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
दरअसल, यह रिपोर्ट पुतला दहन पर राज्यव्यापी प्रतिबंध लगाने के लिए केरल हाई कोर्ट में दायर एक याचिका के बारे में है, जिसमें याचिकाकर्ता द्वारा समाज की शांति और एकता में होने वाले व्यवधान को देखते हुए विभिन्न राजनीतिक और राजनीतिक दलों द्वारा पुतला दहन की प्रथा पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी।
इसके हमने गूगल मैप्स पर स्ट्रीट व्यू की मदद से ठीक उसी जगह की पहचान की जहां पुतला जलाया गया था। हमने पाया कि विरोध पतनमतिट्टा में महात्मा गांधी की प्रतिमा के ठीक सामने हुआ था। इससे पुष्टि होती है कि वीडियो केरल का ही है।
महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी के कुलपति पर भ्रष्टाचार का आरोप
17 मई 2012 को पब्लिश द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी के कुलपति राजन गुरुक्कल और यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन के ख़िलाफ यूनिवर्सिटी लाइब्रेरी में डिप्टी लाइब्रेरियन की भर्ती में अनियमितता सहित फंड में हेरफेर करने के आरोप लगाए गए थे। इसके बाद, जून में राज्यपाल एचआर भारद्वाज ने कुलपति डॉ. राजन गुरुक्कल सहित एमजीयू के सिंडिकेट सदस्यों और अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की सतर्कता जांच का आदेश दिया था। हालांकि, राजन गुरुक्कल ने सभी आरोपों को ख़ारिज करते हुए इन्हें राजनीति से प्रेरित बताया था।
निर्णय : असत्य
सोशल मीडिया यूजर्स का यह दावा कि जब कर्नाटक में कांग्रेस कार्यकर्ता पीएम मोदी का पुतला जला रहे थे तो वे ख़ुद आग में फंस गए, गलत है। ये वीडियो असल में केरल की सालों पुरानी एक घटना का है। इसलिए हम वायरल दावे को गलत मानते हैं।
रेफ़रेंस लिंक
याचिका में पुतला दहन पर राज्यव्यापी प्रतिबंध लगाने की मांग की गई - द टाइम्स ऑफ़ इंडिया
राजन गुरुक्कल के ख़िलाफ़ ताज़ा हमला - द न्यू इंडियन एक्सप्रेस
गुरुक्कल ने आरोपों को ख़ारिज किया - द न्यू इंडियन एक्सप्रेस
(Disclaimer: यह फैक्ट चेक मूल रूप से Logically Facts द्वारा किया गया है, जिसे Shakti Collective की मदद से India TV ने पुन: प्रकाशित किया है)