महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पुणे में 21 अक्टूबर को खेड-शिवपुर टोल प्लाजा के पास एक कार से पांच करोड़ रुपये की जब्ती हुई थी। अब इस घटना से जोड़कर सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है, जिसमें एक कमरे में भारी मात्रा में नोटों की गड्डियां दिखाई दे रही हैं। यूजर्स इस वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि यह पुणे में हुई नोटों की हालिया जब्ती के दौरान का वीडियो है। हालांकि, जब India TV ने इस दावे का फैक्ट चेक किया तो ये दावा पूरी तरह से फर्जी साबित हुआ है। फैक्ट चेक की जांच में वायरल वीडियो पुराना निकला।
क्या किया गया दावा?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर एक यूजर ने 22 अक्टूबर को वायरल वीडियो शेयर किया और लिखा, “महाराष्ट्र चुनाव से पहले कल खेड-शिवपुर में एक कार से भारी मात्रा में करोड़ों रुपये पकड़े गये। इस वीडियो में नोटों की गड्डी देखकर अंदाजा लगाइए कितने करोड़ रुपये होगा।” इस वीडियो को राजनेता और मीडिया आउटलेट सहित कई अन्य यूजर्स मिलते-जुलते दावों के साथ शेयर कर रहे हैं।
इस वीडियो को एनसीपी (शरद पवार गुट) के नेता रोहित पवार ने भी पोस्ट किया। वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा है, ''चुनाव के लिए सत्ताधारी पार्टी के उम्मीदवारों को पहली किस्त के तौर पर 25-25 करोड़ रुपये दिए जाने की चर्चा है और कल इनमें से एक कार खेड़-शिवपुर के #डोंगर_ज़ादी में पकड़ी गई. एक कार तो मिल गई लेकिन बाकी चार कारें कहां हैं? लोकसभा में भी सत्ता पक्ष ने पानी की तरह पैसा बहाकर महाराष्ट्र की जनता को खरीदने की कोशिश की, लेकिन यहां की स्वाभिमानी जनता ने महागठबंधन को कटराज का घाट दिखा दिया। भले ही महागठबंधन का मंत्र विधानसभा में #दलाली के पैसे से रात में खेल खेलने का है, लेकिन यह तय है कि यहां की जनता महाराष्ट्र से गद्दारी करने वाले मुक्केबाजों को ठीक करेगी और उन्हें स्थायी रूप से पहाड़ देखने के लिए घर भेजेगी। शासकों को याद रखना चाहिए कि 'महाराष्ट्र गुजरात नहीं है'!
India TV ने की पड़ताल
सोशल मीडिया पर ये वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है, इसलिए हमने इस दावे की पड़ताल करने की ठानी। हालांकि, हमारी जांच में सामने आया कि यह वीडियो इंटरनेट पर 2020 से मौजूद है और इसका महाराष्ट्र के पुणे में हुए हालिया नोटों की जब्ती से कोई संबंध नहीं है। वायरल दावे की पुष्टि के लिए हमने वीडियो के की-फ्रेम्स को गूगल लेंस के जरिए रिवर्स सर्च किया। हमें यह वीडियो 'युनीक मल्टी एडवरटीजमेंट' नामक यूट्यूब चैनल पर मिला, जिसे 11 सितंबर 2021 को अपलोड किया गया था।
इसके अलावा, हमें यह वीडियो यूट्यूब चैनल 'ट्रेंडिंग तमिलन फारी' और 'कौशल जगहीना' पर अप्रैल-मई 2020 के दौरान अपलोड हुआ मिला। हालांकि, जांच के दौरान हमें यह पता नहीं चल पाया कि मूल वीडियो कहां और कब का है। लेकिन हमारी जांच से यह स्पष्ट है कि जिस वीडियो को पुणे में हुई नोटों की हालिया जब्ती से जोड़कर शेयर किया जा रहा है, वह इंटरनेट पर कम से कम चार साल पहले से उपलब्ध है। पड़ताल के दौरान हमें यूट्यूब चैनल सुरेश कुमार व्लॉग्स पर अपलोड किया गया यही वीडियो मिला। इस चैनल पर यह वीडियो 9 मई, 2021 को पोस्ट किया गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुणे देहात पुलिस ने महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 21 अक्टूबर को पांच करोड़ रुपये नकद जब्त किए। रिपोर्ट में बताया गया कि जिस कार से रुपये बरामद हुए हैं, वो पुणे से कोल्हापुर की ओर जा रही थी। चुनाव के ऐलान के बाद नियमित जांच में लगी पुलिस ने जब कार को रोका तो उसमें करीब पांच करोड़ रुपए बरामद हुए थे।
फैक्ट चेक में क्या निकला?
जांच में वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा गलत पाया गया। हमारी अब तक की पड़ताल से यह साफ है कि वायरल वीडियो इंटरनेट पर 2020 से मौजूद है और इसका महाराष्ट्र के पुणे में हुए हालिया नोटों की जब्ती से कोई संबंध नहीं है। हमारी पड़ताल में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह पोस्ट भ्रामक निकला, इसलिए लोगों को ऐसी किसी भी फर्जी पोस्ट से सावधान रहने की सलाह दी जाती है।
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