नीट पेपर लीक मामले में पुलिस और जांच एजेंसियों द्वारा कार्रवाई की जा रही है। इसी को लेकर सोशल मीडिया साइट पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है। इस वीडियो को शेयर करते हुए यह दावा किया जा रहा है कि नीट पेपर लीक मामले में झारखंड के दवघर से 6 लोगों की गिरफ्तारी हुई है, जो कांग्रेस पार्टी के कार्यालय में छिपे हुए थे। इस वीडियो में यह साफ दिख रहा है कि कुछ लोगों को गिरफ्तार करने के बाद रस्सियों से बांधकर ले जाया जा रहा है। हालांकि इंडिया टीवी की फैक्ट जांच में यह पता चला कि यह दावा पूरी तरह से गलत है। इंटरनेट पर शेयर किया जा रहा यह वीडियो और इसे लेकर किया जा रहा है।
वीडियो की क्या है सच्चाई
दरअसल फेसबुक पर मुकेश सिंह नाम के एक यूजर ने 27 जून को एक वीडियो को शेयर किया है। इस वीडियो को शेयर करते हुए मुकेश सिंह ने दावा किया, "नीट पेपर लीक के 6 आरोपी झारखंड के देवघर के कांग्रेस कार्यालय में छिपे हुए थे। इसे देखिए और अन्य लोगों को शेयर करिए ताकि कांग्रेस का असली चेहरा दिखे कि कांग्रेस छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।" जब इंडिया टीवी ने इस वीडियो की जांच की तो पता चला कि इस वीडियो को न्यूज एजेंसी एएनआई ने शेयर किया था। इस वीडियो को शेयर करते हुए एएनआई ने लिखा, नीट यूजी केस में गिरफ्तार 6 आरोपियों की मेडिकल जांच के बाद उन्हें पटना के एलएनजेपी अस्पताल ले जाया गया। बता दें कि 21 जून को वीडियो में दिख रहे आरोपियों की गिरफ्तारी देवघर से की गई थी, ना कि कांग्रेस कार्यालय से।
दावे की पड़ताल में क्या जानकारी आई सामने?
इस मामले की जब और जांच की गई तो पता चला कि 22 जून को इंडिया टीवी की डिजिटल वेबसाइट पर एक खबर प्रकाशित की गई थी। इस खबर की हेडिंग थी, "NEET पेपर लीक कांड में बड़ी कार्रवाई, देवघर से चिंटू सहित 6 को पुलिस ने हिरासत में लिया"। इसमें बताया गया है कि देवघर से 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों का नाम पंकु कुमार, परमजीत सिंह उर्फ बिट्टू, चिन्टु उर्फ बालदेव कुमार, काजु उर्फ प्रशांत कुमार, अजीत कुमार और राजीव कुमार उर्फ कारू है। इंडिया टीवी सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावे को फर्जी करार देती है। वीडियो को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।