
Originally Fact Checked by PTI: सोशल मीडिया पर तेजी से एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक गुस्साई भीड़ को बहुमंजिला इमारत में घुसते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो तेलंगाना का है, जहां मुस्लिम समुदाय के लोग नारेबाजी करते हुए हिंदुओं को घर में जबरन घुस गए। लेकिन जब इसकी पड़ताल की गई तो यह दावा पूरी तरह से फर्जी साबित हुआ। जांच में पता चला कि वायरल वीडियो भारत का नहीं बल्कि पाकिस्तान के हैदराबादा का है। उस समय हिंसक भीड़ ईशनिंदा के आरोपी हिंदू कर्मचारी को पकड़ने के लिए घरों में घुस गई थी। दरअसल अगस्त 2022 में पाकिस्तान के हैदराबाद में हुई इस घटना के वीडियो को अब तेलंगाना का बताकर साझा किया जा रहा है।
क्या किया जा रहा है दावा
सोश मीडिया पर एक फेसबुक यूजर ने 27 फरवरी को एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “ये नजारा अफगानिस्तान, पाकिस्तान का नहीं तेलंगाना का दृश्य है। जो सर तन से जुदा नारे के साथ हिन्दुओं के घरों में जबरन घुस रहे हैं अपनी सुरक्षा स्वयंम करो।” पोस्ट का लिंक, आर्काइव लिंक और स्क्रीनशॉट यहां देखें। सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स इस वीडियो को समान दावे के साथ शेयर कर रहे हैं, जिसे यहां और यहां क्लिक कर देखें।
फैक्ट चेक में ये जानकारी आई सामने
वायरल वीडियो के ‘की-फ्रेम्स’ को गूगल लेंस की मदद से रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें ‘टाइम्स नाउ’ की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में वीडियो से मिलते-जुलते विजुअल्स मिले, जिसमें बताया गया कि यह घटना पाकिस्तान में हुई थी। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, 21 अगस्त 2022 को पाकिस्तान के हैदराबाद में कुरान का अपमान करने के आरोप में हिंदू सफाई कर्मचारी अशोक कुमार पर ईशनिंदा की धारा 295बी के तहत मामला दर्ज किया गया था। रिपोर्ट में बताया गया कि यह आरोप एक दुकानदार बिलाल अब्बासी के साथ हुए विवाद के बाद लगाया गया था। अब्बास ने कुमार के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। पूरी रिपोर्ट यहां क्लिक कर पढ़ें।
रिपोर्ट में पाकिस्तानी पत्रकार मुबाशिर जैदी के सोशल मीडिया पोस्ट के हवाले से बताया गया , “हैदराबाद पुलिस ने हिंसक भीड़ को तितर-बितर कर दिया, जो एक हिंदू सफाई कर्मचारी पर ईशनिंदा का आरोप लगाकर उसे सौंपने की मांग कर रही थी। पुलिस का दावा है कि स्थानीय लोगों के साथ निजी दुश्मनी के कारण सफाई कर्मचारी को निशाना बनाया गया।” पोस्ट का लिंक यहां क्लिक करें। जांच के दौरान हमें एनडीटीवी न्यूज की वेबसाइट पर 22 अगस्त 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली, जिसमें पाकिस्तान के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया गया कि सफाई कर्मचारी पर धार्मिक किताब के पन्ने जलाने का आरोप लगाया गया था।
उस समय कथित ईशनिंदा के विरोध में पाकिस्तानी चरमपंथी समूह तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) ने हैदराबाद शहर में हिंदू परिवारों के घरों के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था। टीएलपी को 2021 में पाकिस्तान में प्रतिबंधित कर दिया गया था। हालांकि, विरोध के बाद अशोक कुमार को गिरफ़्तार कर लिया गया था। पूरी रिपोर्ट यहां पढ़ें। हमारी अब तक की जांच से यह स्पष्ट है कि वायरल वीडियो भारत का नहीं बल्कि पाकिस्तान के हैदराबाद का है।
दावा
“ये नजारा अफगानिस्तान, पाकिस्तान का नहीं तेलंगाना का दृश्य है। जो सर तन से जुदा नारे के साथ हिन्दुओं के घरों में जबरन घुस रहे हैं अपनी सुरक्षा स्वयंम करो।”
तथ्य
पीटीआई फैक्ट चेक की जांच में वायरल दावा फर्जी साबित हुआ।
निष्कर्ष
वायरल वीडियो भारत का नहीं बल्कि पाकिस्तान के हैदराबाद का है। उस समय हिंसक भीड़ ईशनिंदा के आरोपी हिंदू कर्मचारी को पकड़ने के लिए घरों में घुस गई थी। अगस्त 2022 में पाकिस्तान के हैदराबाद में हुई इस घटना के वीडियो को अब तेलंगाना का बताकर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
(Disclaimer: यह फैक्ट चेक मूल रूप से PTI News द्वारा किया गया है, जिसे Shakti Collective की मदद से India TV ने पुन: प्रकाशित किया है)