18वीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी और समाज सेवा में अपने योगदान के लिए जानी जाने वाली अंजलि बिरला, जो 2021 में IAS अधिकारी बनीं, एक बार फिर सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का शिकार हो रही हैं। उनकी मिसाल से भरी सफलता के बावजूद, सोशल मीडिया पर खबरें फैल रही हैं कि उन्हें बिना परीक्षा दिए ही IAS अधिकारी बना दिया गया है। जो इंडिया टीवी की फैक्ट चेक में निराधार पाया गया।
क्या किया गया दावा?
कई ट्विटर और फेसबुक उपयोगकर्ताओं ने अंजलि बिरला के IAS अधिकारी बनने में पक्षपात का आरोप लगाया है। कुछ ने तो यह भी दावा किया कि उन्होंने UPSC-CSE परीक्षा नहीं दी। वहीं, कुछ यूजर ने इशारे में कहा कि उनके पिता के कारण यह मुकाम हासिल हुआ है।
ऐसा ही दावा आप यहां और यहां भी देख सकते हैं।
क्या मिला पड़ताल में?
इंडिया टीवी की फैक्ट चेक टीम ने इन दावों के तह तक जाने का फैसला किया, जिसके तहत हमने यूपीएससी की वेबसाइट पर पुराने कटऑफ खोजने शुरू किए। जहां हमें सच्चाई मिली। इससे पहले हम आपको बताना चाहेंगे कि हर सिविल सेवा परीक्षा के बाद UPSC दो सूचियाँ तैयार करती है- मुख्य सूची और आरक्षित सूची। जबकि मुख्य सूची तुरंत जारी होती है, आरक्षित सूची तब जारी की जाती है जब मुख्य सूची के सभी उम्मीदवारों को उपलब्ध रिक्तियों का आवंटन कर दिया जाता है। यह प्रक्रिया सिविल सेवा परीक्षा नियम, 2019 के नियम-16 (4) और (5) के तहत स्पष्ट रूप से निर्धारित है।
मुख्य सूची से उम्मीदवारों को पद आवंटित करने के बाद, शेष रिक्तियों के लिए आरक्षित सूची से उम्मीदवारों को मेरिट के अनुसार चुना जाता है।
UPSC की आरक्षित सूची कोई आरक्षण कोटा सूची नहीं है, बल्कि यह दूसरी मेरिट सूची या प्रतीक्षा सूची जैसी होती है। इस सूची से चुने जाने वाले उम्मीदवारों की संख्या इस बात पर निर्भर करती है कि मुख्य सूची में आरक्षित श्रेणी के कितने उम्मीदवार सामान्य श्रेणी के मानकों को प्राप्त कर चुके हैं।
अब बात करते तथ्य की, यूपीएससी के वेबसाइट पर हमें साल 2019 की कटऑफ लिस्ट मिली। जिससे पता चला कि साल 2019 में, 927 रिक्तियाँ थीं और अगस्त 2020 में घोषित मेंस रिजल्ट में 829 उम्मीदवारों के नाम थे। शेष पदों को आरक्षित सूची से भरा गया। इसका मतलब है कि 2019 UPSC-CSE में 98 आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों ने सामान्य श्रेणी के मानकों को प्राप्त किया था। इनमें से 89 उम्मीदवारों ने सामान्य श्रेणी के लिए उपलब्ध सीट का चयन नहीं किया, जो रिक्त रह गईं।
फिर जनवरी 2021 में 89 उम्मीदवारों के नाम के साथ आरक्षित सूची जारी की गई। इसी लिस्ट में अंजलि बिरला का नाम 67वें क्रमांक पर था, जैसा कि आधिकारिक UPSC के अनुसार है। इस सूची में 73 सामान्य, 14 OBC, 01 EWS और 01 SC श्रेणी के उम्मीदवार शामिल थे।
क्या निकला निष्कर्ष?
यह स्पष्ट करता है कि उन्होंने UPSC परीक्षा दी थी और सभी चरणों को पार कर IAS अधिकारी बनीं। अंजलि बिरला के खिलाफ सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावे निराधार हैं, उन्होंने अपनी काबिलियत के दम पर ये मुकाम हासिल किया है।
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