बांग्लादेश में हुई हिंसा और आगजनी के बाद तमाम तरह के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। बांग्लादेश के सतखीरा जिले के एक होटल में की गई आगजनी का एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। इसे बांग्लादेश में हिंदू मंदिर पर हमला बताकर शेयर किया जा रहा है। हमने जब इसकी पड़ताल की तो पता चला की यह वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा फर्जी है। दरअसल वीडियो में आग में लिपटी जो इमारत दिख रही है, वह कोई मंदिर नहीं बल्कि सतखीरा में स्थिति राज प्रासाद रेस्टोरेंड एंड रिजॉर्ट नाम का एक होटल है। इसी होटल में आगजनी की गई है। दरअसल 5 अगस्त को शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया और वह देश छोड़कर चली गईं। इसके बाद से ऐसी कई खबरें सामने आईं, जिसमें बताया गया कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को अब प्रताड़ित किया जा रहा है और प्रदर्शनकारियों द्वारा मंदिरों में आग लगाई गई और तोड़फोड़ की गई।
क्या किया जा रहा दावा?
डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, भीड़ ने अबतक 27 अल्पसंख्यक हिंदुओं के घरों पर हमला किया है। साथ ही दुकानों पर लूटपाट की घटना को अंजाम दिया गया है। वहीं प्रोथोम आलो की रिपोर्ट में दावा किया गया कि देश के अलग-अलग हिंदू मंदिरों पर भी प्रदर्शनकारियों द्वारा हमला किया गया है। इसी के बीच 13 सेकेंड का एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा था, जिसे एक्स पर एक यूजर ने शेयर किया। वीडियो को शेयर करते हुए यूजर ने लिखा, "बांग्लादेश में एक और हिंदू मंदिर में आग लगा दी गई। अब मानव श्रृंखला कहां है।" वहीं सुदर्शन बांग्ला ने भी इसे हिंदू मंदिर बताकर शेयर किया है।
वायरल दावे की क्या है सच्चाई?
लेकिन इंडिया टीवी ने जब इस वीडियो की पड़ताल की तो पता चला कि यह खबर बांग्लादेशी आउटलेट कालबेला में 5 अगस्त 2024 को प्रकाशित की गई थी। इस न्यूज रिपोर्ट में आग लगने वाली इमारत की तस्वीर भी थी। प्रोथोम आलो की पत्रकार एचबी रीता ने एक फेसबुक पोस्ट भी किया है। इस पोस्ट में उन्होंने बताया कि जलती हुई इमारत कोई हिंदू मंदिर नहीं है, बल्कि बांग्लादेश के सतखीरा जिले में स्थित राज प्रासाद कॉफी शॉप नाम का एक रेस्तरां है। अपने फेसबुक पोस्ट में उन्होंने आजकेर पत्रिका की कटिंग भी शेयर की है। इसमें बताया गया है कि इस रेस्तरां के मालिक कालारोआ उपजिला के पूर्व उपाध्यक्ष और जुबो लीग के उपजिला अध्यक्ष काजी असदुज्जमां शाहजादार हैं।