वक्फ संशोधन बिल को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया है। इसे लेकर जेपीसी की तरफ से आम जानता से राय या सुझाव मांगे गए हैं। ऐसे हम नहीं कह रहे हैं बल्कि सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लैटफॉर्म्स पर यूजर्स द्वारा एक मोबाइल नंबर शेयर किया जा रहा है। मोबाइल नंबर शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि इस नंबर को सरकार ने जारी किया है। इस नंबर पर मिस्ड कॉल देकर वक्फ संशोधन बिल के पक्ष में वोट कर सकते हैं और वक्फ बोर्ड को समाप्त किए जाने की मांग का समर्थन किया जा सकता है। हालांकि जब इंडिया टीवी ने इस तथ्य की जांच की तो यह खबर फर्जी साबित हुआ है।
वक्फ संशोधन बिल पर वायरल हो रहा पोस्ट
दरअसल वक्फ संशोधन बिल को संसद में पेश किए जाने के बाद संयुक्त संसदीय समिति के पास इसे भेजा गया था। जेपीसी की पहली बैठक 22 अगस्त को हुई थी। इसमें न्यूजपेपर्स में विज्ञापन के जरिए जनता की राय मांगी गई थी। इसके लिए केवल 15 दिनों का वक्त दिया गया था। हालांकि ये राय या सुझाव ईमेल औरपोस्ट के जरिए देने को कही गई थी, ना कि इसके लिए सरकार की तरफ से कोई मोबाइल नंबर जारी किया गया था। दरअसल एक फेसबुक यूजर 'राजेश राष्ट्रीय सर्वोपरि' ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, “9209204204…वक्फ बोर्ड हटाने के लिए किसी को मेल भेजना नहीं आता तो इस नम्बर पर मिस कॉल करें।जरूर करें।और ये आप सब ग्रुपों में भेजे आज लास्ट तारीख है देशहित में थोड़ी सेवा जरूर करे।”
फैक्ट चेक में क्या जानकारी आई सामने?
जब हमने इस पोस्ट की पडताल की और इस नंबर पर फोन कर चेक किया और ट्रूकॉलर पर इसे चेक किया तो इसका विवरण 'वक्फ बोर्ड स्पैम' के तौर पर मौजूद है। साथ ही यह नंबर बंद है। सराकरी सूचना विभाग प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरों यानी पीआईबी की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, 8 अगस्त 2024 को वक्फ (संशोधन) बिल 2024 और मुसलमान वक्फ रिपील बिल 2024 को लोकसभा में पेश किया गया। इसके बाद इसे जेपीसी को भेज जिया गया। इसके बाद 22 अगस्त को पहली जेपीसी की बैठक हुई और समाचारपत्रों में विज्ञापनों के जरिए लोगों की सुझाव मांगी गई। जिसे ईमेल (jpcwaqf-lss@sansad.nic.in) और लोकसभा सचिवालय (संयुक्त सचिव, लोकसभा सचिवालय, कमरा संख्या 440, पार्लियामेंट हाउस एनेक्सी, नई दिल्ली, 110001) के जरिए भेजा जाना था। ना कि इसके लिए किसी तरह का फोन नंबर जारी किया गया है।