Originally Fact Checked by Vishvas News: सोशल मीडिया पर अखबार की कटिंग के एक स्क्रीनशॉट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि केरल हाई कोर्ट के जज ने हाल ही में बयान देते हुए कहा है कि ब्राह्मणों में विशेष गुण होते हैं और उन्हें हमेशा केंद्र में होना चाहिए। इस पोस्ट को हाल का बताते हुए ओबीसी, एससी-एसटी वर्ग को भड़काते हुए शेयर किया जा रहा है।
विश्वास न्यूज ने जब इसकी पड़ताल की तो पता चला कि वायरल दावा भ्रामक है। असल में वायरल बयान केरल हाई कोर्ट के पूर्व जज वी चिताम्बरेश का है और उन्होंने यह बयान जुलाई 2019 में दिया था। वो 2019 में ही रिटायर्ड हो गए थे और इसके दो साल बाद भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे।
क्या हो रहा है वायरल?
फेसबुक यूजर ‘अंसारी इरशाद अहमद’ ने 1 दिसंबर 2024 को वायरल पोस्ट को शेयर किया है। पोस्ट पर लिखा हुआ है, “केरल हाईकोर्ट के जज ने कहा, ब्राह्मणों में विशेष गुण, हमेशा उन्हें केंद्र में होना चाहिए…….अंग्रेजों ने सन 1919 में ब्राह्मण के जज बनाने पर रोक लगा दी, उनका कहना था कि ब्राह्मणों में न्यायिक चरित्र नहीं होता है ब्राह्मण जाति देख कर निर्णय लेता है। आज हमारे देश में 90% से ज्यादा जज ब्राह्मण है इसलिए ओबीसी Sc-St भाइयों को सही न्याय नहीं मिल पाता अंग्रेजो का कथन आज भी सत्य है!”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
पड़ताल
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने पोस्ट को गौर से देखा हमने पाया कि यह खबर पत्रिका न्यूज में प्रकाशित हुई थी। गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च करने पर हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर मिली। रिपोर्ट को 25 जुलाई 2019 को प्रकाशित किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, केरल ब्राह्मण सभा की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान जज चिताम्बरेश ने ब्राह्मण समाज को लेकर बातचीत की और आरक्षण को लेकर सवाल उठाए थे।
पड़ताल के दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट मलयालम न्यूज वेबसाइट जन्मभूमि की वेबसाइट पर मिली। रिपोर्ट को 21 जुलाई 2024 को प्रकाशित किया गया है। मलयालम भाषा में लिखी रिपोर्ट के मुताबिक, तमिल विश्व संगम के एक उद्घाटन कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए पहुंचे थे। यहां पर जज वी चिताम्बरेश ने ब्राह्मण समाज और आरक्षण को लेकर कई बातें कहीं।
आजतक की वेबसाइट पर 24 जुलाई 2019 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, केरल हाई कोर्ट के जज वी चिताम्बरेश 19 जुलाई को तमिल समुदाय की ओर से आयोजित एक ब्राह्मण सम्मेलन में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “आखिर ब्राह्मण कौन है? एक ब्राह्मण द्विजन्मा होता है…यानी कि दो बार जन्म लेने वाला, अपने पूर्व जन्म सुह्रद की वजह से वो दो बार जन्म लेता है। उसमें कुछ खास विशेषताएं होती है, जैसे कि, स्वच्छ आदतें, उत्कृष्ट सोच, शानदार चरित्र, वो ज्यादातर शाकाहारी होता है, शास्त्रीय संगीत का पुजारी होता है, जब ये सारी शानदार आदतें एक शख्स में आती हैं तो वो ब्राह्मण होता है। उन्हें हमेशा केंद्र में होना चाहिए।”
टेलीग्राफ इंडिया की वेबसाइट पर 2 मार्च 2021 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, वी चिताम्बरेश साल 2019 में रिटायर हो गए थे और वो साल 2021 में भारतीय जनता पार्टी से जुड़ गए थे। अधिक जानकारी के लिए हमने केरल के रिपोर्टर वेणुगोपाल से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा भ्रामक है। पूर्व जज वी चिताम्बरेश ने यह बयान करीब पांच साल पहले दिया था।
अंत में हमने पोस्ट को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है।
निष्कर्ष: केरल हाई कोर्ट के पूर्व जज वी चिताम्बरेश ने ब्राह्मण समुदाय को लेकर वायरल बयान करीब पांच साल पहले दिया था। उन्होंने यह बयान जुलाई 2019 में दिया था। वो 2019 में ही रिटायर्ड हो गए थे और इसके दो साल बाद भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे।
Claim Review: केरल हाईकोर्ट के जज ने हाल ही में कहा, ब्राह्मणों में विशेष गुण, हमेशा उन्हें केंद्र में होना चाहिए।
Claimed By: FB User Ansari Irshad Ahmed
Fact Check: भ्रामक
(Disclaimer: यह फैक्ट चेक मूल रूप से Vishvas News द्वारा किया गया है, जिसे Shakti Collective की मदद से India TV ने पुन: प्रकाशित किया है)