नई दिल्ली: सोशल मीडिया अपने विचारों को व्यक्त करने का स्वतंत्र माध्यम है। लेकिन कई बार लोग इसका इस्तेमाल भ्रामक और फर्जी खबरें फैलाने के लिए भी करते हैं। हैरानी की बात तो ये है कि लोग फैक्ट चेक किए बिना ही इन वीडियोज को वायरल भी कर देते हैं। इसका नतीजा ये होता है कि लोगों के बाच सच्ची जानकारी नहीं पहुंच पाती और लोग फेक न्यूज का शिकार हो जाते हैं।
वायरल वीडियो में क्या किया जा रहा दावा?
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी का एक वीडियो ट्विटर पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो को ट्विटर यूजर @AdarshkatiyaINC ने पोस्ट किया है, जिसमें दावा किया गया है कि मोदी जी के 400 पार का ढोल फाड़ते पुष्कर सिंह धामी जी। इस वीडियो के थंबनेल में लिखा है कि खुलेआम पैसे बांटते पकड़े गए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी। कुछ लोग सोशल मीडिया पर इस वीडियो को ताजा लोकसभा चुनावों से जोड़कर देख रहे हैं और कह रहे हैं कि सीएम धामी ने लोकसभा चुनाव के दौरान पैसे बांटे।
फैक्ट चेक में क्या सामने आया?
इंडिया टीवी ने जब इस वायरल वीडियो की पड़ताल की तो फैक्ट चेक में सामने आया कि ये वीडियो ताजा लोकसभा चुनाव का नहीं है। बल्कि 2022 में हुए उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव के समय का है। 2022 में उत्तराखंड AAP ने भी धामी पर इसी तरह के आरोप लगाए थे और वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था।
AAP उत्तराखंड ने 13 फरवरी 2022 को ये वीडियो डालते हुए लिखा था, 'खटीमा में ये क्या हो रहा है? पुष्कर सिंह धामी चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद खुलेआम पैसे बांट रहे हैं। खटीमा से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी एसएस कालेर ने खुद धामी को रंगे हाथों पकड़ा तो धामी ने कैमरा बंद कराने की कोशिश की। चुनाव आयोग और सीईओ उत्तराखंड जल्द इसका संज्ञान लें।'
वीडियो में जो लिफाफा नजर आ रहा है, उस पर शिव अरोरा लिखा हुआ है। शिव अरोरा 2022 में चुनाव जीते थे और उत्तराखंड के रुद्रपुर से बीजेपी विधायक हैं। पुरानी खबरों में भी ये पाया गया कि उत्तराखंड में 2022 के चुनावों में शिव अरोरा पर लिफाफे में पैसे रखकर बांटने के आरोप लगे थे।
निष्कर्ष क्या निकला?
इन दावों की पड़ताल से ये सामने आया कि सीएम धामी का वायरल किया जा रहा वीडियो 2022 का है। उसका 2024 के लोकसभा चुनावों से कोई संबंध नहीं है। लेकिन सोशल मीडिया पर ये वीडियो डालकर ताजा लोकसभा चुनावों में भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है।