India TV Fact Check: सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट्स के जरिए गलत दावा करना तो आज के समय में आम बात हो गया है, लेकिन इन दिनों वेबसाइट बनाकर ऑफिशियल तरीके से काम हो रहा है। कई बार उस वेबसाइट को देखने के बाद पता ही नहीं चल पाता कि कौन असली है और कौन नकली है। ऐसा ही एक दावा अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े बोर्ड से सामने आया है। एक मदरसा बोर्ड नाम की वेबसाइट द्वारा यह दावा किया गया है कि वह सरकार के तरफ से संचालित की गई एक वेबसाइट है। आज की स्टोरी में हम इसकी पड़ताल करने वाले हैं कि क्या सच में उसका कोई सरकार से कनेक्शन है या फर्जी दावा किया जा रहा है।
दावा क्या है?
वेबसाइट का डोमेन(https://madarsaschools.org/) है। इस वेबसाइट पर यह दावा किया गया है कि इसे भारत सरकार के एजुकेशन मंत्रालय द्वारा स्पॉन्सर किया गया है। वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, मदरसा बोर्ड का मुख्यालय मथुरा में है। इसमें यूजर्स को ऑनलाइन अप्लाई करने से लेकर नोटिफिकेशन लेने और रिजल्ट देखने तक का ऑप्शन मिल जाता है।
सच्चाई क्या है?
मदरसा बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट क्या है इसका पता लगाने के लिए सबसे पहले हमने इस वेबसाइट को खंगाला। इसमें दो शक पैदा करने वाले इंफॉर्मेशन मिले। पहला कि इसका मुख्य ऑफिस मथुरा बताया गया था, जो यूपी में पड़ता है। इस वेबसाइट पर दावा किया गया है कि इसे भारत सरकार के स्पॉन्सर पर संचालित किया जा रहा है। पहली बात कि भारत सरकार के लगभग ऑफिसेज दिल्ली में हैं। मथुरा में किसी भी सरकारी एजुकेशन विभाग का हेड ऑफिस नहीं है। एक बार हमें शक हुआ कि कहीं ये यूपी सरकार की वेबसाइट तो नहीं है तो हमने यूपी सरकार के ऑफिशियल मदरसा बोर्ड के वेबसाइट का पता लाना चाहा तो मालूम हुआ कि यूपी सरकार का ऑफिशियल वेबसाइट(https://madarsaboard.upsdc.gov.in/) है। यहां एक चीज नोट करने वाली है कि सरकार के ऑफिशियल वेबसाइट के लास्ट में gov.in लिखा हुआ है। चुंकि यह यूपी सरकार की वेबसाइट है इसलिए इसके लास्ट में upsdc.gov.in लिखा गया है। यानि कि यह यूपी सरकार की वेबसाइट नहीं है।
चुंकि वेबसाइट के मुख्य पेज पर यह लिखा गया है कि इसे SPQEM के नेतृत्व में शिक्षा विभाग के स्पॉन्सर पर चलाया जा रहा है। इसलिए हमने शिक्षा विभाग के ऑफिशियल वेबसाइट(https://www.education.gov.in/) पर गए। वहां हमें इस वेबसाइट के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। हमने अलपसंख्य विभाग के ऑफिशियल वेबसाइट (https://www.minorityaffairs.gov.in/) पर भी नजर डाली, वहां वक्फ बोर्ड से लेकर हज कमीटी और अन्य कई सारे वेबसाइट मिले। सभी के डोमेन के आखिरी में gov.in लिखा हुआ था।
गूगल पर जब मदरसा बोर्ड सर्च किया और उसके बाद जब हम न्यूज सेक्शन में गए तो वहां हमें एक खबर मिली, जिसमें पीआईबी के हवाले से एक स्टोरी बनाई गई थी, जिसमें पीआईबी ने इसे गलत बताया था। पीआईबी ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि यह वेबसाइट नेशनल मदरसा बोर्ड फॉर स्कूल एजुकेशन से जुड़े होने का दावा करता है @MOMAIndia & ने मदरसा शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर दिया है
इंडिया टीवी फैक्ट चेक टीम ने इस वेबसाइट को फर्जी पाया है। अत: अगर आपको मदरसा बोर्ड से संबंधित कोई जानकारी लेनी हो तो आप अल्पसंख्यक मंत्रालय के ऑफिशियल वेबसाइट(https://www.minorityaffairs.gov.in/) पर जा सकते हैं। एक बात का ध्यान रखें कि कोई भी सरकारी वेबसाइट के डोमेन के अंत में आपको gov.in लगा हुआ मिलेगा। अगर वह लिखा हुआ नहीं मिलता है तो उसे सही ना मानें। जब तक की सरकार के तरफ से उसके बारे में कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं कर दी जाती है।
ये भी पढ़ें: Fact Check: मेवात हिंसा का नहीं, 2017 का बांग्लादेश लिंचिंग का है ये वायरल वीडियो, पड़ताल में सच आया सामने