सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म में कई वीडियो और फोटो वायरल होते हैं। इनमें से कई वीडियो और फोटो गलत दावों के साथ अपलोड किए जाते हैं। इन वीडियो और फोटो को सच मानकर अन्य सोशल मीडिया यूजर्स अपनी टाइमलाइन में शेयर कर लेते हैं। ऐसी ही भ्रामक व फेक पोस्ट के सत्यता की जांच के लिए इंडिया टीवी की फैक्ट चेक टीम काम करती है।
क्या हो रहा वायरल
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना को 2500 बुलेटप्रूफ स्कॉर्पियो दी गईं हैं। ये बुलेटप्रूफ स्कॉर्पियो (कार) मशहूर बिजनेसमैन रतन टाटा ने दान में दी हैं। कंचन सिंह तोमर नाम के फेसबुक यूजर ने 27 सितंबर को 4 महिंद्रा स्कॉर्पियो की फोटो का कोलाज बनाते हुए अपलोड किया है। इन गाड़ियों के साथ ही कैप्शन में लिखा, 'जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना को देश के सबसे बड़े उद्योगपति और सम्मानित रतन टाटा द्वारा दिए गए दान से 2500 बुलेटप्रूफ स्कॉर्पियो मिली हैं। देश की सेना को बहुत-बहुत बधाई। माता भारती के इन प्यारे बेटों के बारे में किसने इतना सोचा? देश के सच्चे बेटे और महान व्यक्ति रतन टाटा जी को बहुत-बहुत धन्यवाद।'
क्या है वायरल पोस्ट की सच्चाई?
इंडिया टीवी की फैक्ट चेक टीम ने इस वायरल पोस्ट की जांच की है। टीम ने सबसे पहले वायरल पोस्ट से जुड़े कीवर्ड गूगल में सर्च किए। इंडिया टीवी की फैक्ट चेक टीम को कहीं भी रतन टाटा और भारतीय सेना को दान में दी गईं 2500 कारों की कोई जानकारी सामने नहीं आई। इसके बाद टीम ने इन फोटो को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इसके बाद ये फोटो ज़िग व्हील (zigwheels.com) नाम की एक वेबसाइट पर नजर आईं। जहां पर इन फोटो के साथ पूरा आर्टिकल लिखा गया था। इस आर्टिकल की हैडलाइन Mahindra Rakshak Plus at the 2012 Defence Expo 2012 (डिफेंस एक्सपो 2012 में महिंद्रा रक्षक प्लस) दी गई है।
इसके साथ ही इस आर्टिकल में बताया गया कि महिंद्रा ने दिल्ली में आयोजित 2012 थल, नौ एवं आंतरिक सुरक्षा प्रणाली रक्षा एक्सपो में विभिन्न बख्तरबंद वाहन निर्माताओं के साथ अपने लेवल 3 बख्तरबंद रक्षक प्लस का प्रदर्शन किया। इस आर्टिकल में कहीं भी नहीं लिखा गया कि रतन टाटा ने 2500 कारें भारतीय सेना को दान में दी हैं।
क्या है वायरल पोस्ट की सच्चाई?
इस तरह सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर जो पोस्ट वायरल हो रही है। वर पूरी तरह फेक है। इंडिया टीवी की फैक्ट चेक टीम को ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है कि रतन टाटा ने इन कारों को भारतीय सेना को दान में दिया है।