
Google इस समय दुनिया के सबसे बड़ा सर्च इंजन है। Microsoft के CEO सत्य नडेला ने कंपनी की उस बड़ी गलती को माना है, जिसका Google को फायदा मिला है। गूगल ने वेब से साथ-साथ मोबाइल सर्च इंजन के मार्केट में अपनी धाक जमाई है। कंपनी का सर्च इंजन पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा यूज किया जाता है। माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने हाल में एक यूट्यूबर को दिए इंटरव्यू में कंपनी की इस बड़ी गलती का जिक्र किया है।
बड़ी गलती का गूगल ने उठाया फायदा
सत्य नडेला ने यूट्यूबर द्वारकेश पटेल के साथ हाल में एक पॉडकास्ट किया है। इसमें सत्य नडेला ने सर्च इंजन मार्केट में कंपनी के पिछड़ने और गूगल के एकाधिकार को लेकर बड़ी बात कही है। माइक्रोसॉफ्ट सीईओ ने कहा,'हम (माइक्रोसॉफ्ट) वेब पर सबसे बड़ा बिजनेस मॉडल बनने से चूक गए, क्योंकि हम सभी ने यह मान लिया था कि वेब केवल डिस्ट्रिब्यूशन के लिए है।' सत्य नडेला ने माना कि माइक्रोसॉफ्ट की इस बड़ी गलती का गूगल ने फायदा उठाया और दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन बन गया।
बिजनेस मॉडल को आंकने में रहे नाकाम
सत्य नडेला ने कहा कि हमें लगा कि सर्च मार्केट इतना वैल्यूएबल बिजनेस मॉडल नहीं बन पाएगा, जिसकी वजह से हमने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। हमने वाकई में यह नहीं देखा और गूगल ने इस पर ध्यान दिया। कंपनी के सीईओ ने बताया कि यह हमारे लिए एक बड़ी सीख है और हम आगे ऐसी कोई गलती नहीं करेंगे। 'कंपनियों को इस बात पर भी ध्यान देना पड़ता है कि कहां वैल्यू क्रिएशन होने की संभावना है।'
हालांकि, सत्य नडेला ने यह भी कहा कि बिजनेस मॉडल में होने वाले ये बदलाव प्रायः बड़े टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट्स को न्यौता देते हैं। टेक्नोलॉजी के मुकाबले बिजनेस मॉडल को लगातार शिफ्ट करते रहना कंपनियों के लिए बड़ी चुनौती भी है।
Google ने सर्च इंजन के साथ-साथ मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम के क्षेत्र में भी माइक्रोसॉफ्ट समेत कई बड़ी टेक कंपनियों को कड़ी चुनौती दी है। गूगल का Android ऑपरेटिंग सिस्टम पूरी दुनिया में काफी लोकप्रिय है। इस समय दुनियाभर में इस्तेमाल होने वाले 80 प्रतिशत स्मार्टफोन में इस ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है। माइक्रोसॉफ्ट ने भी 2010 के दशक में Windows 8.1 के नाम से मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम लॉन्च किया था, जो ज्यादा सफल नहींं हो सका।
1992 से माइक्रोसॉफ्ट का साथ
नडेला 1992 से माइक्रोसॉफ्ट से जुड़े हैं। उन्होंने इससे पहले सन माइक्रोसिस्टम के साथ थे, जहां वो कई इनोवेशन के गवाह बने। भारतीय मूल के सत्य नडेला ने मैंगलुरू यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली है। इसके बाद उन्होंने शिकागो यूनिवर्सिटी से MBA की डिग्री भी ली है। यही नहीं, वो Wisconsin-Milwaukee यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में भी मास्टर डिग्री ले चुके हैं।
सत्य नडेला ने अपने करियर के दौरान कई टेक्नोलॉजिकल ट्रांसफर्मेशन यानी तकनीकी बदलाव को देखा है। उन्होंने मेन फ्रेम से पर्सनल कम्प्यूटर में तकनीक को शिफ्ट होते देखा है। इस इंटरव्यू के दौरान माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ ने कहा कि मौजूदा समय में वेब बेस्ड ऐप्स की बढ़ती डिमांड को देखते हुए माइक्रोसॉफ्ट को भी Mosaic और Netscape जैसे ब्राउजर को लॉन्च करना पड़ा।
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