कश्मीर में तीसरे और अंतिम फेज का चुनाव 1 अक्टूबर को होना है उससे पहले ही कश्मीर का माहौल बदल गया है। हजारों लोग सड़कों पर निकल आए हैं। कासिम सुलेमानी, इस्माइल हानिया और हसन नसरल्ला के लिए मातम मनाया जा रहा है। 'जब तक सूरज चांद रहेगा हिजबुल्लाह का नाम रहेगा', 'अमेरिका का जो यार है गद्दार है गद्दार है' इन नारों के जरिए इजरायल-अमेरिका को कोसा जा रहा है। हिजबुल्ला पर हमले के विरोध में कश्मीर नेताओं ने चुनाव प्रचार बंद कर दिया है। सवाल है कि हिजुबल्ला का चीफ मर गया तो कश्मीर क्यों उबल रहा है?
बिना प्रचार किए कश्मीर में माहौल बना रहे महबूबा और अब्दुल्ला
क्या कश्मीर के अंतिम फेज का चुनाव बदल गया है। बिना प्रचार किए भी महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला माहौल बना रहे हैं। तो आपको बता दें कि हसन नसरल्ला, इस्माइल हानिया और कासिम सुलेमानी आतंकी थे। आतंकी सगंठन चलाते थे इसलिए वो मारे गए। लेकिन इनको नसरल्ला इसलिए अच्छा लग रहा है क्योंकि कश्मीर के अंतिम फेज के चुनाव में शिया वोट दिख रहा है। हिजबुल्ला के नसरल्ला का शियाओं से ताल्लुक है। कश्मीर के जिन इलाकों में प्रदर्शन हो रहे हैं, वो शिया बाहुल्य क्षेत्र है।
कश्मीर में शिया मुस्लिम 14 % है। कश्मीर की 47 में से 15 सीटों पर शिया वोटर का असर है। बडगाम में जहां प्रदर्शन हो रहा है वहां करीब 48% सबसे ज्यादा शिया वोटर है। यहां पर सेकंड फेज के चुनाव हो चुके हैं। सवाल अब तीसरे फेज की शिया बाहुल्य सीटों का है लिहाजा एनसी, पीडीपी दोनों हिजबुल्ला हिजबुल्ला कर रही है। शिया बाहुल्य इलाकों में जहां तीसरे फेज में चुनाव होना है उसमें-
- बारामुला की उरी विधानसभा है जहां 21 फीसदी शिया है।
- बांदीपोरा का सोनावारी है जहां 30 फीसदी शियाओं की तादाद है।
- बारामुला का गुलमर्ग है जहां 25 फीसदी शिया हैं।
- और बारामुला का ही पट्टन है जहां 35 फीसदी शिया है।
नसरल्लाह फैक्टर का बैलेट पेपर छप गया!
अभी तक वोट पानी बिजली बेरोजगारी 370 पर कश्मीर में वोट पड़ रहा था लेकिन हिजबुल्ला नसरल्ला मुद्दे पर सुन्नी वोटर को भले फर्क न पड़े लेकिन ये माहौल बता रहा है शिया वोट वही पड़ेगा जो सबसे जोर से हिजबुल्ला हिजबुल्ला करेगा। यही वजह है कि पहले तो महबूबा मुफ्ती ने चुनाव प्रचार नहीं करने का फैसला कर खुद को ये बताने की कोशिश की है कि नसरल्ला की मौत का सबसे ज्यादा दर्द है, शियाओ की वो ही असली हमदर्द हैं। वैसे महबूबा को आतंकी और आम लोगों में फर्क नहीं दिखता है क्योंकि इनको जहां वोट दिखता है वैसे ही उनके बयान हो जाते हैं। बुरहान वानी को भी शहीद कहती थी और अब नसरल्ला को भी शहीद बता रही है इस बार शिया वोट पर आस लगा रही है।
नेशनल कांफ्रेंस भी हिजबुल्ला हिजबुल्ला कर रही है। शिया वोट की खातिर वो भी आतंकी में कोई फर्क नहीं कर रही है। इधर महबूबा ने चुनाव प्रचार छोड़ा, उधर श्रीनगर के उमर अब्दुल्ला के सांसद आगा रुहुल्ला मेंहदी ने भी चुनाव प्रचार खत्म करने का ऐलान कर दिया। अब ये कुछ भी कहे लेकिन बीजेपी कह रही है कि फिलिस्तीन-हिजबुल्ला पर इनकी जुबान चुनावी है, बात 14 फीसदी शियाओं की है।
कश्मीर में शिया वोट का पैटर्न कहता है कि-
- शिया समुदाय बड़ी संख्या में वोट देने निकलता है जबकि सुन्नी समुदाय कम वोटिंग करता है।
- शिया अगर नसरल्ला के नाम पर किसी एक पार्टी को वोट करता है तो उसका गेम बनता है।
शिया वोट के जुगाड़ में मातम मना रही कश्मीर की पार्टियां
कश्मीर की पार्टियां नसरल्ला की मौत पर शिया वोट के जुगाड़ में ही मातम मना रही है। हिंदुस्तान में रहकर इजरायल इजरायल चिल्ला रही है। ज्यादातर मुस्लिम देश और मुस्लिम इजरायल के हमले को मुस्लिमों पर हमले के चश्मे से देख रहे हैं। कश्मीर में भी शियाओं के प्रदर्शन के पीछे भी यही नैरेटिव है जबकि सच्चाई ये है कि हमास हिजबुल्लाह वैसे ही संगठन है जैसे पाकिस्तान में बैठे जैश और लश्कर जैसे आतंकी जो भारत को डिस्टर्ब करने में लगे हैं। ऐसी ही दहशतगर्दी से परेशान इजरायल, हमास हिजबुल्लाह का खात्मा चाहता है और वो लगाता अटैक कर भी रहा है। हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह के द एंड के बाद इजरायल पूरी तरह से हिजबुल्लाह को लेबनान के भीतर ही दफ्न कर देना चाहता है।
कौन है हिजबुल्लाह का नया चीफ हाशेम सैफिदुद्दीन?
इसबीच हिजबुल्लाह ने हसन नसरल्लाह और हसन खलीली यासिन की 36 घंटे के अंदर मौत के बाद हाशेम सैफिदुद्दीन को नया चीफ बना दिया है। हाशेम सैफिदुद्दीन, नसरल्लाह का चचेरा भाई है। अभी तक हिजबुल्लाह के पॉलिटिकल ब्यूरो का हेड था। किसी देश या आतंकी सगंठन से डील यही करता है। वह हिजबुल्लाह की जिहादी काउंसिल का हेड है और ईरान के नेताओं का करीबी भी है। नसरल्लाह की तरह हाशेम भी मौलवी है जो इस्लाम के पैगम्बर मोहम्मद का वंशज होने का दावा करते हुए काली पगड़ी पहनता है।
हाशेम सैफिदुद्दीन को अमेरिका ने 7 साल पहले 2017 में ही आतंकवादी घोषित कर दिया था। हाशेम ने पेजर अटैक के बाद इजरायल के खिलाफ जहर उगलते हुए कहा था कि अब मिडिल ईस्ट में नया टकराव शुरु होगा। उसने धमकी देते हुए कहा कि अब इजरायल को सबसे बड़ा दंड दिया जाएगा। हिजबुल्लाह का इतिहास सुसाइड अटैक करने का रहा है ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि हिजबुल्लाह फिर ऐसी हरकतें कर सकता है।
पहले पेजर, फिर एयर और अब हिजबुल्लाह पर ग्राउंड स्ट्राइक
हिजबुल्लाह की इजरायल ने कमर तोड़ दी है। हिजबुल्लाह के समर्थन की बात करने वाले भले ही हिजबुल्लाह में इजरायल से लड़ने का माद्दा देख रहे हैं लेकिन इजरायल ने लेबनान से लेकर ईरान तक में बैठे नेताओं की सांसे अटका दी है। अब उनको बचे हुए नेताओं के भी मारे जाने का खौफ सता रहा है जिसमें इजरायल की हिट लिस्ट में-
- पहले नंबर पर हिजबुल्लाह का नया बॉस हाशेम सैफुद्दीन
- हिजबुल्लाह का डिप्टी सेक्रेटरी जनरल नईम कासिम
- इसके अलावा पॉलिटिकल काउंसिल का हेड इब्राहिम अमीन अल सैय्यद
- हिजबुल्लाह की पार्लियामेंट कमेटी का हेड मोहम्मद राद है।
नसरल्लाह के मारे जाने के बाद हिजबुल्लाह कमजोर जरूर दिख रहा है लेकिन उसने इजरायल पर पलटवार बंद नहीं किया है। जो ताजा तस्वीरें सामने आई हैं उसमें हिजबुल्लाह ने इजरायल पर ड्रोन अटैक किया है जिसके बाद कई इलाकों में आग लग गई। इससे जान माल का कितना नुकसान हुआ इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है।
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